बड़ौत महापंचायत में किसानों का उमड़ा सैलाब, बोले-हर हाल में वापस लेने होंगे कानून

गाजियाबाद बॉर्डर पर राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान कृषि कानूनों के विरोध में मुखर होने लगे हैं. इसको लेकर बागपत के बड़ौत में रविवार को किसानों ने महापंचायत बुलाई है. यह पंचायत अभी भी जारी है, जिसमें भारी संख्या में किसान पहुंचे हैं. पंचायत में किसान नेताओं ने दो टूक लहजे में ऐलान कर दिया है कि सरकार को ये कानून वापस लेने होंगे. महापंचायत में केन्द्र सरकार से कृषि कानूनों को लेकर यहां किसानों ने लंबी लड़ाई लडऩे के संकेत भी दे दिए हैं.

गौरतलब है कि इसके पहले मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन किया गया था. इस महापंचायत में हजारों की संख्या में किसान पहुंचे थे. इसके बाद अब बड़ौत तहसील में भी महापंचायत के आयोजन को लेकर प्रशासन की नींद उड़ी हुई है. बड़ौत में किसान महापंचायत में किसानोंं की भीड़ देखकर सुरक्षा के भी भारी इंतजाम किए गए हैं. महापंचायत के मद्देनजर पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है. महापंचायत में रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैंं. पंचायत देर शाम तक चलने की बात कही जा रही है, लेकिन इसके लिए सुबह से ही पंचायत स्थल पर किसानों की भारी भीड़ उमडऩी शुरू हो गई थी.

महापंचायत का बड़ा बयान

पंचायत स्थल पर देशखाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह पहुंच गए हैं. उन्होंने संबोधित करते हुए कहा है कि वह केन्द्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हैं. ये तीनों कानून किसान के हित में नहीं हैं इसलिए पूरी ताकत के साथ इसका विरोध होगा. महापंचायत में पहुंचे किसान नेताओं ने कहा कि तीनों कानून वापस नहीं लेने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेताओं ने किसानों को संबोधित कर किसानों के हाथ भी उठवाए हैं कि वे हर हाल में आंदोलन का हिस्सा रहेंगे. इसके साथ ही किसान नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा है कि किसानों पर दर्ज किए गए मुकदमे भी वापस होने चाहिए. किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी सरकार को कार्रवाई करनी होगी.

महापंचायत के दौरान देशखाप के थांबेदार बृजपाल चौधरी ने कहा कि लड़ाई किसानों के सम्मान की है. पुलिस-प्रशासन दमनकारी नीति अपना रहा है. किसानों को लाठियां से डराकर घरों में रहने की बात कही जा रही है, लेकिन कृषि कानून वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा. महापंचायत को पंवार खाप, चौबासी और राठी खाप ने भी महापंचायत को समर्थन दिया है. वहीं महापंचायत के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने अलर्ट होकर पुलिस की मुस्तैदी बढ़ा दी है.

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