किसानों और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की हुई बातचीत भी बेनतीजा रही. केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन देने वाले किसान नेताओं ने 24 घंटे के भीतर ही केंद्र सरकार के सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया. किसान नेताओं का दावा है कि सरकार ने जो प्रपोजल दिया है, उसमें कुछ भी नहीं है. किसानों ने एक बार फिर ऐलान किया कि वह 21 फरवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे.
मीडिया से बातचीत में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि दोनों फोरम में चर्चा के बाद ये फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से आए मंत्री ने कहा था कि अगर सरकार दालों पर MSP देती है तो 1.5 लाख करोड़ का बोझ़ पड़ेगा, जबकि कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि सभी फसलों पर MSP देने पर 1 लाख 75 हजार करोड़ से काम चल सकता है. इतनी राशि का सरकार पाम ऑयल आयात करती है.
23 फसलों पर MSP की लीगल गारंटी दे सरकार
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने प्रस्ताव को समझने के लिए इसलिए समय लिया, क्योंकि कोई ये न कहे कि हमनें सरकार की बात नहीं सुनी. मुझे लगता है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है. हमारी मांग है कि सरकार 23 फसलों पर MSP की लीगल गारंटी दे. इसके अलावा सरकार ये भी बताए कि कर्ज माफी पर क्या सोचा है. पंधेर ने दावा किया कि सरकार आंदोलन को लेकर गंभीर नहीं है, मीटिंग में सरकारी नुमाइंदों का लेट आना इस बात का सबूत है.
मीटिंग में जो प्रस्ताव दिया बाहर आकर उससे मुकरे
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने दावा किया कि बैठक में जो प्रस्ताव हमारे सामने रखा गया बाहर आते ही मंत्री उससे मुकर गए. मीटिंग में कहा गया था कि पूरे देश में 5 फसलों पर MSP पर खरीद होगी, लेकिन बाहर आकर मंत्री ने कुछ ओर ही बोला, इसलिए हमने प्रस्ताव पर स्टडी की और उसे खारिज कर दिया. अब किसान 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे.
सरकार प्रदर्शन खराब करना चाहती है
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम शांति से आंदोलन करने वाले लोग हैं, सरकार चाहती है कि प्रदर्शन उग्र हो और खराब हो. हमें दिल्ली जाने दिया जाए और प्रदर्शन की जगह दी जाए. सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमारा बेरीकेडिंग तोड़कर दिल्ली जाने का सवाल ही नहीं, हम अपनी मांगे मनवाने आए हैं. हम अपना बचाव भी करेंगे. जो जवान हमें रोक रहे हैं वे भी हमारे ही हैं. . यदि सरकार हम पर जबरदस्ती करेगी तो लोग तय करेंगे कि ऐसी सरकार को फिर आना चाहिए या नहीं.