एक समान मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलनरत गाजियाबाद में मधुबन बापूधाम योजना से पीड़ित किसानों को भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को सदरपुर गांव पहुंचकर समर्थन दिया। 18 माह से जारी धरना प्रदर्शन में छह गांव के किसानों से उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को एक समान मुआवजा नहीं दिया जाता है, तब तक योजना में कोई काम नहीं होने दिया जाएगा। दूसरी ओर उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन 60 ट्रैक्टरों और 1000 लोगों के साथ रैली निकालने का एलान किया।
उन्होंने कहा कि कृषि कानून वापसी की हमारी बड़ी मांग पूरी हुई है। जब तक भारत सरकार एमएसपी, किसानों के शहीद होने पर बात नहीं करती है, तब तक चलेगा आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत संसद सत्र के पहले दिन 29 नवंबर को ट्रैक्टर रैली लेकर जाएंगे।
मधुबन बापूधाम में होता है टकराव तो सांसद और प्रशासन जिम्मेदारः
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मधुबन बापूधाम योजना से पीड़ित किसान महीनों से आंदोलनरत हैं। आंदोलनरत किसानों से प्रशासन और जीडीए अधिकारियों को आकर बात कर समस्या का समाधान निकालना चाहिए। अगर जीडीए अधिकारी जबरन योजना में निर्माण कार्य की कोशिश करते हैं और टकराव की स्थिति बनती है तो इसके जिम्मेदार सांसद और प्रशासन होंगे।
दूसरी ओर सदरपुर गांव में हुई पंचायत बुधवार को छह दिसंबर को जीडीए कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना दिए जाने का निर्णय लिया गया। इस मौके पर किसान नेता बॉस चौधरी, गौरी शंकर, महेंद्र मुखिया, प्रदीप शर्मा, धर्मवीर डायरेक्टर, डब्बू प्रधान सहित आदि किसान मौजूद रहे।
एक जनवरी को मोदी जी पूछेंगे कैसे दोगुनी होगी किसानों की आमदनी
आंदोलन को लेकर टिकैत ने ये भी कहा कि, ये आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा। 27 नवंबर को हमारी बैठक है जिसके बाद हम आगे के निर्णय लेंगे। मोदी जी ने कहा है कि एक जनवरी से किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी तो हम पूछेंगे कि कैसे दोगुनी होगी। किसानों की जीत तब होगी जब उन्हें अपनी फसलों के दाम मिल जाएंगे। वह बोले, किसानों को फसलों का नुकसान हुआ है और एमएसपी की जिम्मेदारी कौन लेगा? एमएसपी पर पक्का गारंटी कार्ड लेकर जाएंगे।