गाजीपुर के सादात नगर के वार्ड नंबर 3 में शफीक नाम के मुस्लिम व्यक्ति ने अपने दरवाजे पर हिंदू बिटिया की बारात को बुलाया और मंडप भी सजाया. इसके बाद बरात के आने पर पिता का फर्ज निभाया. शफीक ने बारातियों का स्वागत किया और धूमधाम से शादी संपन्न हुई.
गाजीपुर के जखनिया विधानसभा के सादात नगर की रहने वाली साधना की शादी दुल्लहपुर के रेवरिया गांव के रहने वाले अंगद मद्धेशिया के साथ हुई. लड़की के सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद पूरा परिवार मुस्लिम शख्स शफीक के घर में रह रहा है. इस परिवार की भी अजब कहानी है. पिता की 2022 में मौत हो जाने के बाद मां भी चल बसी थीं. इसके बाद से ही पूरे परिवार के सामने आथिक समस्याएं आ गईं. शफीक इन लोगों के लिए रहनुमा बने और इन्हें अपना कमरा देकर रहने की व्यवस्था की थी. यह परिवार बिना किराए के उन्हीं के मकान में रह रहा था.
3 दिन पहले साधना मद्धेशिया की शादी पूरे सादात में एक चर्चा का विषय बन गई. जब एक मुस्लिम परिवार के दरवाजे पर हिंदू बिटिया का मंडप सजा. मां-बहन-दादी बनकर मुस्लिम महिलाओं ने मंगल गीत भी गाए और बारातियों की खूब खातिरदारी भी की. अनाथ बिटिया को यह पता नहीं चलने दिया कि उसके सिर से मां-बाप का साया उठ चुका है. शादी संपन्न करने के बाद बिटिया को विदा भी किया गया.
अनूठी शादी में कन्यादान पड़ोस के उमा गोड़ ने किया लेकिन शादी का बाकी बंदोबस्त शफीक ने ही किया है. शादी को देखने और आशीर्वाद देने के लिए लोग बगैर निमंत्रण के भी आशीर्वाद देने पहुंचे हुए थे. हर कोई इस मुस्लिम परिवार की सराहना करता रहा. बता दें कि महेंद्र उर्फ मुन्ना की कुल 6 बेटियां थीं दो बेटियों की शादी मुन्ना ने पहले ही कर दी थी. जबकि चार की शादी होना बाकी रह गया. आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण दो बेटियों की शादी के लिए मुन्ना ने अपना मकान बेच दिया था. इसी बीच साल 2002 में मुन्ना की बीमारी के चलते मौत हो गई.
माता और पिता की मौत के बाद मकान खरीदने वाले व्यक्ति ने दोनों बेटियों को घर से निकाल दिया. मोहल्ले के शफीक ने उन्हें रहने के लिए कमरा मुहैया कराया. इसके लिए वह किराया भी नहीं लेते थे. इलाके के लोगों ने मिलकर बेटी की शादी दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के रेवरिया गांव के रहने वाले अंगद मद्धेशिया से तय की थी. तय समय पर बारात भी दरवाजे पर आई और पिता की भूमिका निभाते हुए शफीक ने बारातियों स्वागत किया और धूमधाम से शादी संपन्न करवाई.