भाजपा नेताओं पर FIR, फैसला सुरक्षित

टूल किट विवाद में बिलासपुर हाईकोर्ट ने आवेदन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं इसको लेकर सरकार से 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है। जवाब आने के बाद मामले की सुनवाई होगी। छत्तीसगढ़ के पूर्व CM डॉ. रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने FIR को निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका लगाई है। भाजपा के दोनों नेताओं के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइंस थाने में 19 मई को FIR दर्ज कराई गई थी।

टूल किट विवाद में बिलासपुर हाईकोर्ट ने आवेदन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं इसको लेकर सरकार से 3 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है।

पूर्व CM रमन सिंह की ओर से BJP के राजयसभा सदस्य और अधिवक्ता महेश जेठमलानी, विवेक शर्मा, गैरी मुखोपाध्याय ने पैरवी की। वहीं शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा, अभिषेक सिंघवी ने बात रखी। इस पर कोर्ट में करीब 4 घंटे बहस चली। जिसके बाद कोर्ट ने आवेदन पर फैसला सुरक्षित कर लिया। अब अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी। वहीं दोनों नेताओं की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ कोई केस नहीं बनता है।

सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध था टूल किट

दोनों भाजपा नेताओं ने अधिवक्ता विवेक शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इसमें कहा गया है कि जिस टूल किट को लेकर अपराध दर्ज किया गया है, वह सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध था। याचिकाकर्ताओं ने पब्लिक डोमेन में मौजूद उस डिजिटल डॉक्यूमेंट पर टिप्पणी की है। ऐसे में उनके खिलाफ कोई अभियोग नहीं बनता है। इस मामले में रोस्टर के अनुसार याचिका पर सुनवाई जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की कोर्ट में हुई।

क्या है टूल किट को लेकर विवाद

पूर्व CM डॉ. रमन सिंह ने 18 मई को अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का कथित लेटर पोस्ट करते हुए दावा किया था कि इसमें देश का माहौल खराब करने की तैयारी की प्लानिंग लिखी है। साथ ही लिखा गया कि विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का कांग्रेस षड्यंत्र कर रही है। ऐसा ही पोस्ट संबित पात्रा ने भी किया था। इसके बाद युवा कांग्रेस के नेताओं ने रमन सिंह व संबित पात्रा पर FIR दर्ज करा दी।

क्या होती है टूलकिट?

टूलकिट एक तरह की प्लानिंग की जानकारी होती है, जिसमें किसी मुद्दे के प्रचार का जिक्र होता है। ये आमतौर पर डिजिटल प्लानिंग की तरह होता है कि जैसे किसी मुद्दे पर किस तरह के बयान देने हैं, कैसे प्रोपेगैंडा करना है

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