लंदन में यूनुस के खिलाफ फूटा गुस्सा, लगे ‘Go Back’ के नारे

लंदन यात्रा पर पहुंचे बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को ब्रिटिश-बांग्लादेशी समुदाय के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा। यूनुस के होटल के बाहर अवामी लीग यूके शाखा और इससे संबद्ध संगठनों से जुड़े सैकड़ों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए और ‘यूनुस गो बैक’ के नारे लगाए।

प्रदर्शनकारियों ने यूनुस प्रशासन पर मानवाधिकार उल्लंघन, भीड़ हिंसा, हत्याओं और देश में खराब हो रही कानून व्यवस्था का आरोप लगाया। हाथों में नारों वाली तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारियों ने यूनुस को ‘भीड़तंत्र का प्रवर्तक’, ‘कट्टरपंथियों को संरक्षण देने वाला’ और ‘देशभक्तों को जेल भेजने वाला’ करार देते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।

यह पहला मौका नहीं है जब यूनुस को विरोध झेलना पड़ा हो। इससे पहले जापान दौरे के दौरान भी उनका तीखा विरोध हुआ था। अब ब्रिटेन में भी उन्हें इसी तरह के प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है।

प्रदर्शनकारियों ने यूनुस और उनके प्रेस सचिव शफीकुल आलम की तस्वीरों को कूड़ेदान में फेंका और यूनुस के पुतले को जूतों की माला पहनाकर अपना आक्रोश जाहिर किया। शेख हसीना के समर्थन में नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने बैनर और पोस्टर भी लहराए।

प्रेस सचिव शफीकुल आलम को भी विरोध झेलना पड़ा। स्थिति से बचने के लिए वह पिछले दरवाजे से बाहर निकले, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया और पीछा करने की कोशिश की। हालांकि, ब्रिटिश पुलिस की सुरक्षा की वजह से वे किसी तरह बच निकले।

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की लोकप्रियता में गिरावट देखी जा रही है। सेना और अंतरिम सरकार के बीच बढ़ते मतभेदों के बीच, कई लोग उन्हें शेख हसीना को हटाने के बाद देश की स्थिति सुधारने में विफल मान रहे हैं।

वर्तमान में यूनुस ने घोषणा की है कि आम चुनाव अप्रैल 2026 तक कराए जाएंगे, लेकिन बीएनपी समर्थकों ने स्पष्ट तारीख घोषित करने की मांग की है। वहीं, जमात-ए-इस्लामी ने भी अप्रैल 2026 की समयसीमा पर आपत्ति जताई है और इस वर्ष दिसंबर में ही चुनाव कराने की मांग रखी है।

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