अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इज़राइल के बीच हालिया टकराव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दोनों पक्षों से पूर्ण युद्धविराम का सख्ती से पालन करने की अपील की है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, “सीजफायर प्रभावी हो चुका है, कृपया इसका उल्लंघन न करें।”
गौरतलब है कि ट्रंप ने ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष रोकने की अपील ऐसे समय की है जब ईरान की ओर से मंगलवार को इज़राइल पर दोबारा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। इज़रायली सेना (IDF) के अनुसार, इन मिसाइलों में से आठ को देश के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में दागा गया, जिनमें से एक मिसाइल बीरशेबा के एक अपार्टमेंट परिसर पर गिरी। इस हमले में तीन लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।
हमले के बाद इज़राइल के उत्तर, मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में सायरन बजने लगे और नागरिकों को बॉम्ब शेल्टर में शरण लेने का निर्देश दिया गया। लोगों को पहले से अलर्ट पर रखा गया था।
ये हमले तब हुए जब कुछ ही घंटे पहले ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर पोस्ट कर कहा था कि, “ईरान और इज़राइल के बीच एक स्थायी और पूर्ण युद्धविराम पर सहमति हो गई है। यह छह घंटे में लागू होगा और सबसे पहले ईरान इसका पालन करेगा।” उन्होंने आगे कहा कि, “सीजफायर के 12 घंटे बाद इज़राइल भी इसमें शामिल हो जाएगा, और 24 घंटे बाद इस युद्ध को समाप्त घोषित किया जाएगा।”
ट्रंप ने दोनों देशों की धैर्य, समझदारी और साहस की सराहना करते हुए कहा, “ईश्वर ईरान, इज़राइल, मध्य पूर्व, अमेरिका और पूरी दुनिया को आशीर्वाद दे।”
पूर्व राष्ट्रपति का मानना है कि यह संघर्ष वर्षों तक खिंच सकता था और इससे पूरे मध्य पूर्व में व्यापक तबाही मच सकती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
हालांकि, ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘सीएनएन’ से बातचीत में कहा कि तेहरान को अमेरिका की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं मिला है, और फिलहाल उन्हें इज़राइल या अमेरिका के साथ शत्रुता समाप्त करने का कोई कारण नहीं दिखता।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने रविवार तड़के भारतीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स—नतांज, फोर्डो और एस्फाहान—पर हमला किया था। इसके बाद ट्रंप ने स्पष्ट किया था कि ईरान को अब युद्ध रोकने के लिए सहमत होना होगा, और अगर वह ऐसा नहीं करता तो अमेरिका की ओर से और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।