नीरव मोदी से जुड़े बहुचर्चित आर्थिक घोटाले में उसके भाई नेहल दीपक मोदी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अमेरिकी एजेंसियों ने भारत सरकार के अनुरोध पर नेहल को गिरफ्तार कर लिया है। जांच एजेंसियों का आरोप है कि नेहल ने न सिर्फ सबूतों को मिटाने का प्रयास किया, बल्कि गवाहों को धमकाने और घोटाले से जुड़ी संपत्तियों को छुपाने में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार, भारत में जांच शुरू होते ही नेहल मोदी ने दुबई स्थित Firestar Diamond FZE से 50 किलो सोना निकालकर गायब कर दिया। साथ ही वह कर्मचारियों से खातों, दस्तावेजों और डिजिटल डेटा को मिटाने की कोशिश कर रहा था। बताया गया है कि वह पूरी प्रक्रिया की खुद निगरानी कर रहा था।
दुबई और हांगकांग से संपत्तियों की हेराफेरी
एजेंसियों के मुताबिक, नेहल ने हांगकांग से लगभग 6 मिलियन डॉलर (करीब 50 करोड़ रुपये) मूल्य की डायमंड ज्वेलरी और 150 बॉक्स मोती कब्जे में लिए, जबकि दुबई से 3.5 मिलियन दिरहम नकद और 50 किलो सोना भी अपने नियंत्रण में लिया। यह सब उसने अपने करीबी सहयोगी मिहिर भंसाली के साथ मिलकर अंजाम दिया। ईडी का दावा है कि नेहल ने न केवल फिजिकल साक्ष्य हटवाए, बल्कि मोबाइल फोन और सर्वर जैसे डिजिटल साक्ष्यों को भी नष्ट किया।
गवाहों को डराने और फर्जी गवाही के आरोप
नेहल पर कुछ गवाहों को धमका कर उन्हें काहिरा भेजने और वहां उनके पासपोर्ट जब्त करवाकर झूठे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाने के भी आरोप हैं। एक अन्य मामले में उसने एक गवाह को दो लाख रुपये रिश्वत देकर यूरोप की अदालत में झूठी गवाही दिलवाने की कोशिश की थी।
ईडी ने लगाया मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि नेहल मोदी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 3 के तहत अपराध किया है। वह अपराध से अर्जित संपत्ति को छुपाने और साक्ष्य नष्ट करने की गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है। ईडी ने उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए PMLA की धारा 4 के तहत कठोर दंड की सिफारिश की है।
भारत लाने की तैयारी
भारत सरकार द्वारा दायर प्रत्यर्पण अनुरोध पर अमेरिकी अधिकारियों ने कार्रवाई की है। संभावना है कि आगामी दिनों में नेहल मोदी के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उसकी गिरफ्तारी ने नीरव मोदी से जुड़े घोटाले की जांच को एक बार फिर गति दे दी है।