दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में दुनियाभर के भारतीय समुदायों में रोष है। इसी कड़ी में जर्मनी के प्रमुख शहर म्यूनिख में रहने वाले भारतीय प्रवासियों ने 3 मई को एक शांति मार्च निकाला। इस मार्च में 700 से अधिक लोग शामिल हुए और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन किया।
मार्च की शुरुआत सुबह 11 बजे गेश्विस्टर-शोल-प्लात्ज से हुई। यह कोई सामान्य विरोध प्रदर्शन नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य आतंक के खिलाफ आवाज़ उठाना और वैश्विक शांति का संदेश देना था।
मार्च की अगुवाई जर्मन सांसद डॉ. हंस थीस और म्यूनिख सिटी काउंसिल के सदस्य डेली बालिडेमाज ने की। डॉ. थीस ने कहा, “यह मार्च दर्शाता है कि हम आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट हैं और पीड़ितों के साथ खड़े हैं।” उन्होंने यह भी जोर दिया कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार के तनाव से बचने की दिशा में प्रयास ज़रूरी हैं।
मार्च म्यूनिख फ्रीहाइट पर दोपहर 2 बजे समाप्त हुआ, जहां प्रतिभागियों ने एक मिनट का मौन रखकर हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और अंत में सामूहिक रूप से ‘जन गण मन’ का गायन किया।
आयोजकों की ओर से स्पष्ट संदेश
आयोजन की अगुवाई कर रहे शोभित सरीन, शिवांगी कौशिक और दिव्याभ त्यागी ने बताया कि यह सिर्फ एक मार्च नहीं था, बल्कि न्याय और शांति की पुकार थी। उन्होंने कहा कि भारत की जनता आतंक के खिलाफ एकजुट है और दुनियाभर में यह संदेश पहुंचाना जरूरी है कि आतंकवाद के लिए कहीं कोई स्थान नहीं है।
सिर्फ म्यूनिख ही नहीं, जर्मनी के बर्लिन और स्टटगार्ट जैसे अन्य शहरों में भी भारतीय समुदायों ने इसी तरह के शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित किए हैं।