अमेरिका में एक भारतीय छात्र के जबरन निर्वासन से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में छात्र को हथकड़ियों में जकड़ा हुआ और ज़मीन पर गिराया गया दिखाया गया है। यह कार्रवाई अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों द्वारा की गई थी। प्रवासी भारतीय कुणाल जैन ने इस घटना की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘मानवीय संकट’ बताया है।
“दिल तोड़ने वाला दृश्य था”
कुणाल जैन ने नेवार्क एयरपोर्ट पर हुए इस घटनाक्रम का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “मैंने एक युवा भारतीय छात्र को रोते हुए देखा, उसके हाथ बांधे गए थे, और उसे अपराधी की तरह ट्रीट किया जा रहा था। वह अपने सपनों के साथ अमेरिका आया था और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचा रहा था। यह सब देखना मेरे लिए बेहद पीड़ादायक था।”
“ज़मीन पर गिराया गया, मैं कुछ नहीं कर पाया”
एक भारतीय न्यूज़ चैनल से बातचीत में जैन ने बताया कि छात्र के हाथ-पैर बांध दिए गए थे और उसे ज़मीन पर गिरा दिया गया था। उन्होंने कहा, “उस वक्त मुझे रोना आ रहा था। मुझे समझ नहीं आया कि इसे इतनी सार्वजनिक बेइज्जती के साथ क्यों किया गया।” छात्र हिंदी और हरियाणवी में बोल रहा था, लेकिन पुलिसकर्मी उसकी भाषा नहीं समझ पाए। जब जैन ने उसकी बात समझाने की पेशकश की, तो अधिकारियों ने अनुमति देने के बजाय और सुरक्षाकर्मी बुला लिए।
“भारतीय छात्र कैसे अवैध हो जाते हैं”
जैन ने इस घटना को एक बड़ी प्रणालीगत समस्या बताते हुए कहा, “छात्र शायद अंग्रेज़ी जानते हों, लेकिन जब वे मानसिक तनाव में होते हैं, तो स्वाभाविक रूप से अपनी मातृभाषा में बोलते हैं। कई बार इसी वजह से उनके साथ गलतफहमी हो जाती है और वीजा रद्द कर दिया जाता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “भारतीय छात्र अमेरिका में अपने करियर और परिवार की उम्मीदों के साथ आते हैं। वे यहां महंगी फीस देकर पढ़ाई करते हैं, लेकिन डिग्री पूरी करने के बावजूद नौकरी नहीं मिलती और वीजा एक्सपायर होते ही वे कानूनी जटिलताओं में फंस जाते हैं। सवाल यह है कि क्या इस तरह का अमानवीय व्यवहार उचित है?”