ईरान और अमेरिका के बीच रिश्तों में एक बार फिर तल्खी देखने को मिल रही है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ईरानी अधिकारी व्हाइट हाउस आना चाहते हैं, को लेकर तेहरान ने कड़ा एतराज जताया है। ईरानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तेहरान ने ट्रंप के बयान को झूठा और उकसावे वाला करार दिया है।
यूएन में ईरानी मिशन का कड़ा बयान
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी एक बयान में कहा गया कि किसी भी ईरानी प्रतिनिधि ने अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय में आने की इच्छा नहीं जताई है। ट्रंप के इस दावे को “बेबुनियाद और अपमानजनक” बताते हुए ईरान ने उन्हें ‘झूठा’ और ‘कायर’ तक कह दिया।
खामेनेई पर ट्रंप की धमकी को लेकर भी चेतावनी
ट्रंप द्वारा ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को निशाना बनाने की कथित धमकी पर भी ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया दी। तेहरान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि उसके किसी नेता या संस्था पर हमला होता है, तो ईरान भी उसी स्तर पर जवाब देगा। पहले भी खामेनेई यह स्पष्ट कर चुके हैं कि ईरान किसी दबाव में झुकेगा नहीं और हमले की स्थिति में अमेरिका को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
“दबाव में वार्ता नहीं करेगा ईरान”
ईरान ने अपने बयान में कहा कि वह कभी भी दबाव में आकर बातचीत नहीं करता और न ही किसी धमकी को स्वीकार करता है। बयान में कहा गया कि ईरान कूटनीति को महत्व देता है, लेकिन झूठे दावों या सैन्य धमकियों के आगे झुकना उसकी नीति नहीं है।
तेहरान की दो टूक चेतावनी
बयान के अंत में ईरान ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका कोई कार्रवाई करता है, तो उसे उसी प्रकार की प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। हर कदम का जवाब उसी तीव्रता से दिया जाएगा। यह संदेश साफ करता है कि दोनों देशों के बीच तनाव फिलहाल और गहराने के आसार हैं।