ईरान सरकार ने इजराइल से संभावित साइबर हमले और निगरानी गतिविधियों को लेकर अपने अधिकारियों और उनकी सुरक्षा टीमों के लिए सार्वजनिक संचार व टेलीकम्युनिकेशन उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। यह आदेश ईरान के साइबर सुरक्षा कमांड द्वारा जारी किया गया है।
ट्रैकिंग और टारगेट किलिंग का अंदेशा
फ़ार्स न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल के पूर्व रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए यह आशंका जताई गई है कि यहूदी राष्ट्र निशाना बनाकर हत्या या डिवाइस ट्रैकिंग जैसे उपायों का सहारा ले सकता है। पहले भी हिजबुल्ला के सदस्यों को पेजर डिवाइस के जरिए ट्रैक कर निशाना बनाया जा चुका है।
परमाणु वैज्ञानिकों पर हमलों का हवाला
ईरान के सुरक्षात्मक तंत्र का मानना है कि हाल के वर्षों में ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्याओं में भी ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल हुआ था। रिपोर्ट में बताया गया कि सिर्फ मोबाइल बंद करने से लोकेशन ट्रैकिंग नहीं रुकती, इसलिए अधिकारियों को केवल एंटी-ट्रैकिंग उपकरणों का ही प्रयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
फोन स्वेच्छा से जमा करने की अपील
तेहरान से सांसद हामिद रसाई ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि सभी अधिकारियों और उनके स्टाफ को संभावित ट्रैकिंग का खतरा है, इसलिए सभी को अपने मोबाइल स्वेच्छा से जमा कर देना चाहिए। उनके बयान के कुछ समय बाद ही साइबर सुरक्षा कमांड ने औपचारिक आदेश जारी कर दिया।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस आदेश से कितने विभाग या अधिकारी प्रभावित हुए हैं। लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञ इसे ईरान की साइबर सतर्कता के बढ़ते कदम के रूप में देख रहे हैं।