यरुशलम। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा अपने बेटे की शादी टालने को युद्ध की “व्यक्तिगत कीमत” बताने पर देशभर में विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। आम लोगों से लेकर राजनीतिक वर्ग तक ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी को असंवेदनशील और आत्मकेंद्रित करार दिया है। कई नागरिकों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे अनगिनत परिवार हैं जिनके घर में अब कभी विवाह समारोह नहीं हो पाएगा, क्योंकि वे इस युद्ध में अपनों को खो चुके हैं।
नेतन्याहू ने क्या कहा था
बीरशेवा स्थित सोरोका अस्पताल के दौरे के दौरान मीडिया से बात करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी की बमबारी के बावजूद ब्रिटेन ने हौसला नहीं खोया था, उसी तरह आज इस्राइल को भी संयम और साहस के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि युद्ध में हर कोई अपनी तरह से कीमत चुका रहा है और उनका परिवार भी इससे अलग नहीं है। बेटे की शादी टलने का जिक्र करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि यह उनके लिए व्यक्तिगत स्तर पर पीड़ादायक है और उनकी पत्नी सारा और बेटे की मंगेतर इससे बेहद व्यथित हैं। उन्होंने सारा नेतन्याहू को “नायक” कहकर संबोधित किया।
जनता ने जताई नाराज़गी
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें कठघरे में खड़ा किया। आलोचकों का कहना है कि नेतन्याहू जनता के दुख-दर्द से ज्यादा अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, नेतन्याहू बेटे की शादी के लिए कुछ समय की छुट्टी लेने पर विचार कर रहे थे, जिससे पहले ही लोगों में नाराज़गी थी। शादी सोमवार को होनी थी, जिसे अब दूसरी बार टाल दिया गया है। इससे पहले भी नवंबर 2023 में प्रस्तावित शादी युद्ध की वजह से स्थगित की गई थी।
राजनीतिक विरोध भी हुआ तेज
विपक्षी नेता गिलाद करिव ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, “मैं ऐसे कई परिवारों को जानता हूं जिनकी शादियां कभी नहीं हो सकेंगी। वो जीवनसाथी, जो युद्ध में बिछुड़ चुके हैं, अब केवल यादें बनकर रह गए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय में असली नायक वे डॉक्टर हैं जो रात भर ड्यूटी निभा रहे हैं, और वे शिक्षक हैं जो बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं।