बांग्लादेश के कुमिला जिले के मुरादनगर उपजिला में अल्पसंख्यक समुदाय की एक 25 वर्षीय महिला के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे देश को झकझोर दिया है। आरोप है कि एक राजनीतिक दल से जुड़े 38 वर्षीय व्यक्ति ने युवती के घर में घुसकर चाकू की नोक पर बलात्कार किया। पीड़िता उस समय घर में अकेली थी, जबकि उसका परिवार पास के मंदिर में आयोजित पूजा कार्यक्रम में गया हुआ था।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि अपराध के बाद आरोपी ने उसे सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस अमानवीय कृत्य की सूचना पर जब ग्रामीण पहुंचे, तब तक आरोपी मौके से फरार हो चुका था।
गिरफ्तारी के बाद खुली राजनीतिक जुड़ाव की परतें
पीड़िता द्वारा मुरादनगर थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और मुख्य आरोपी को ढाका के सईदाबाद इलाके से गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी का संबंध बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से है, हालांकि कुछ रिपोर्टों में उसे सत्तारूढ़ अवामी लीग से जुड़ा बताया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक नजीर अहमद खान ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मुख्य आरोपी के अलावा चार अन्य लोगों को भी सोशल मीडिया पर पीड़िता की आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
देशभर में आक्रोश, छात्रों का विरोध प्रदर्शन
घटना के विरोध में ढाका विश्वविद्यालय सहित देश के विभिन्न हिस्सों में छात्रों ने विरोध मार्च निकाले। जगन्नाथ हॉल छात्रावास के विद्यार्थियों ने दोषियों को कठोर दंड देने की मांग करते हुए रैली निकाली।
विपक्षी दल बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे अपराध बांग्लादेश की सामाजिक संरचना पर गहरी चोट हैं और सरकार को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
न्यायालय की सख्ती और सरकार पर सवाल
बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने वायरल वीडियो को सोशल मीडिया से तत्काल हटाने और पीड़िता को पर्याप्त सुरक्षा व चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। वहीं, स्थानीय प्रशासन की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस की सक्रियता वीडियो वायरल होने के बाद ही दिखी।
अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों को लेकर चिंता
प्रधानमंत्री शेख हसीना के पुत्र और पूर्व सलाहकार साजिब वाजेद ने हालात पर नाराजगी जताई है। उन्होंने बताया कि बीते कुछ महीनों में देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, भीड़ हमलों और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है।
बता दें कि पिछले वर्ष शेख हसीना सरकार के पतन के बाद नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार के काल में ही यह घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे देश में अस्थिरता और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।