रूस और अजरबैजान के बीच रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही है। ईरान से पहले ही तनाव झेल चुके अजरबैजान ने अब रूस से भी टकराव मोल ले लिया है। सोमवार को क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अजरबैजान द्वारा रूसी सांस्कृतिक आयोजनों को रद्द किया जाना एक दुर्भाग्यपूर्ण कदम है, जिससे सहमति नहीं है। वहीं, अजरबैजान का तर्क है कि उसने यह निर्णय रूस में जातीय अजरबैजानियों की गिरफ्तारी के विरोध में लिया है।
हाल ही में रूस के येकातेरिनबर्ग शहर में पुलिस ने कई पुराने अनसुलझे अपराधों और हत्याओं की जांच के तहत छापेमारी की थी। इस दौरान छह लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें सभी रूसी नागरिक थे, लेकिन उनके अजरबैजानी मूल की पुष्टि की गई। इनमें से दो संदिग्धों की मौत हो गई। एक की मृत्यु हार्ट अटैक से बताई गई है, जबकि दूसरे की मौत का कारण मेडिकल रिपोर्ट से स्पष्ट होगा। इस घटना को लेकर अजरबैजान में गहरी नाराजगी है और वहां की सरकार ने रूसी पुलिस पर जातीय भेदभाव के आधार पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है, जिसे मॉस्को ने सिरे से नकार दिया।
स्पुतनिक अजरबैजान के कार्यालय पर छापेमारी
घटनाक्रम के जवाब में अजरबैजान ने रूसी मीडिया एजेंसी ‘रोसिया सेगोदन्या’ के स्थानीय भागीदार ‘स्पुतनिक अजरबैजान’ के कार्यालय पर छापा मारा। इसके अलावा रूस के प्रभारी डी’एफेयर को बाकू स्थित विदेश मंत्रालय ने तलब किया। साथ ही अजरबैजानी संसद ने मास्को में प्रस्तावित द्विपक्षीय वार्ता से अलग होने की घोषणा कर दी, जिसमें रूसी उपप्रधानमंत्री को शामिल होना था।
सांस्कृतिक संवाद पर भी असर
अजरबैजान के संस्कृति मंत्रालय ने रूसी राज्य व निजी संस्थानों द्वारा आयोजित होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “हम इस प्रकार के फैसले को लेकर खेद जताते हैं। घटनाओं के वास्तविक कारणों की निष्पक्ष जांच जरूरी है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जो कुछ येकातेरिनबर्ग में हुआ, वह पूरी तरह कानून प्रवर्तन एजेंसियों की प्रक्रिया से जुड़ा है। ऐसी घटनाओं को इस प्रकार की प्रतिक्रिया का आधार नहीं बनाना चाहिए।”
इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना दिया है।