अब 22 जून को भी नहीं होगी ‘एक्सिओम मिशन 4’ की लॉन्चिंग; नासा ने किया स्थगित

नासा ने एक बार फिर अंतरिक्ष मिशन एक्सिओम-4 की लॉन्चिंग को टाल दिया है। रविवार, 22 जून को प्रस्तावित प्रक्षेपण अब स्थगित कर दिया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि नई तारीख की घोषणा आने वाले दिनों में की जाएगी। इस मिशन की खास बात यह है कि भारत, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री पहली बार एक साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा पर जाएंगे।

नासा ने दी स्थगन की जानकारी

नासा और एक्सिओम स्पेस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी खंड के ‘ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल’ में हाल ही में हुए मरम्मत कार्य के बाद आईएसएस की संचालन स्थिति की समीक्षा जारी है। एजेंसी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि स्टेशन अतिरिक्त अंतरिक्ष यात्रियों के आगमन के लिए पूरी तरह तैयार हो। इसी कारण मिशन को टाल दिया गया है।

पहले भी कई बार टल चुका है मिशन

इस मिशन को पहले 29 मई को लॉन्च किया जाना था, जो तकनीकी कारणों से टाल दिया गया। इसके बाद 8, 10, 11 और 19 जून को भी मिशन की लॉन्चिंग की तारीखें घोषित हुईं लेकिन किसी न किसी कारण से हर बार इसे स्थगित कर दिया गया। अब 22 जून को भी इसे टाल दिया गया है।

अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय होंगे शुभांशु शुक्ल

इस मिशन के ज़रिए उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं। वे पहले से भारतीय वायुसेना में फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट के रूप में कार्यरत हैं, और उन्हें लगभग 2,000 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने मिग-21, मिग-29, एसयू-30 एमकेआई समेत कई विमान उड़ाए हैं।

शुभांशु की ट्रेनिंग और चयन प्रक्रिया

शुभांशु को गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया है। 2021 में उन्हें गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर, रूस भेजा गया, जहाँ उन्होंने शून्य गुरुत्वाकर्षण, आपात स्थितियों और स्पेसक्राफ्ट संचालन से जुड़ी कठोर ट्रेनिंग प्राप्त की। भारत लौटने के बाद वे इसरो के बेंगलुरु स्थित प्रशिक्षण केंद्र में मिशन से जुड़ी कई तैयारियों में भी शामिल रहे।

परिवार और शुरुआती जीवन

10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ल का मूल निवास हरदोई के संडीला में है। उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई की और 2003 में एनडीए के लिए चयनित हुए। वह परिवार के पहले सदस्य हैं जिन्होंने सेना में कदम रखा। उनके परिवार में पत्नी डॉ. कामना, बेटा कियास और दो बहनें हैं। सेना में आने से पहले उन्होंने एसएसबी और एनडीए दोनों में सफलता पाई थी।

अभियान की कमान और मिशन के अन्य सदस्य

इस मिशन की कमान नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के हाथों में है। उनके साथ पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की और हंगरी के टिबोर कापू मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में शामिल होंगे। यह मिशन स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।

मिशन से जुड़े वैज्ञानिक प्रयोग

शुभांशु इस मिशन के दौरान वैज्ञानिक अनुसंधानों के साथ-साथ एक निजी एजेंडा भी लेकर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह अंतरिक्ष में अपने अनुभवों को फोटो और वीडियो के माध्यम से कैद करेंगे, ताकि भारत के लोग अंतरिक्ष की दुनिया को उनकी आंखों से देख सकें।

मिशन से गगनयान को मिलेगा लाभ

यह निजी अंतरिक्ष मिशन केवल शुभांशु के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के गगनयान अभियान के लिए भी अहम है। इससे मिलने वाला अनुभव न केवल उनके लिए बल्कि गगनयान के अन्य संभावित यात्रियों के लिए भी उपयोगी साबित होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here