पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ‘राजनीतिक कैदी’ नहीं हैं। ईसीपी ने कहा कि उन्हें जेल में इसलिए रखा गया है कि वह गोपनीय राजनयिक केबल के दुरुपयोग सहित विभिन्न मामलों में आरोपी हैं।
देश में आठ फरवरी को आम चुनाव होने हैं। उससे पहले इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने चौबीस सूत्रीय मांगों के साथ ईसीपी को एक पत्र भेजा। इस पत्र में उन्हें राजनीतिक कैदी बताया गया। इसके जवाब में ही ईसीपी की ओर से यह टिप्पणी सामने आई है। पीटीआई के महासचिव उमर अयूब खान द्वारा छह नवंबर को ईसीपी को भेजे गए पत्र में पार्टी प्रमुख खान को ‘राजनीतिक कैदी’ बताया गया है।
इसमें यह भी कहा गया कि पार्टी को एक राजनीतिक इकाई के रूप में प्रताड़ित किया जा रहा है और सताया जा रहा है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक, हालांकि ईसीपी ने इस आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि इस कथित उत्पीड़न में उसकी कोई भूमिका नहीं है। ईसीपी ने 22 नवंबर को पत्र पर अपने जवाब में कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गोपनीय राजनयिक केबल लीक मामले सहित विभिन्न मामलों में जेल में हैं।”राजनीतिक कैदी’ ऐसे व्यक्ति को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जिसे उन राजनीतिक विचारों को रखने के लिए जेल में डाल दिया गया है जो उस राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जातें हैं जिसमें वह रहता है।
क्रिकेटर से नेता बने खान विभिन्न मामलों में 26 सितंबर से रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल में बंद हैं। ईसीपी ने पीटीआई के उस दावे को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि उसके नेताओं को पार्टी के खिलाफ इंटरव्यू व बयान देने और उससे अलग होने के लिए मजबूर किया गया था। आयोग ने कहा कि इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है। उसने स्पष्ट किया कि वह किसी भी राजनीतिक नेता को किसी भी पार्टी में शामिल होने या छोड़ने से नहीं रोक सकता। पीटीआई के इस दावे पर कि उसे समान अवसर नहीं मिल रहे हैं, ईसीपी ने कहा कि उसने कार्यवाहक सरकार को सभी को समान अवसर प्रदान करने के लिए पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं। जब पीटीआई ने कहा कि आम चुनाव संवैधानिक रूप से निर्धारित 90 दिनों की अवधि के भीतर नहीं हो रहे हैं, तो ईसीपी ने कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा विचार-विमर्श किया गया था। ईसीपी ने कहा कि उसने अदालत के आदेश पर राष्ट्रपति के परामर्श से चुनाव की तारीख आठ फरवरी, 2024 तय की है।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए इमरान
उधर, पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने जेल में बंद इमरान खान की हिरासत बढ़ाने के एनएबी के अनुरोध को खारिज कर दिया और उन्हें सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक, इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने अदियाला जेल में अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई का नेतृत्व किया। जेल में सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी मौजूद थे। खबर में कहा गया है कि सुनवाई के दौरान इमरान खान की बहनें अलीमा खानम और नोरीन खानम भी मौजूद थीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘डॉन’ अखबार को बताया कि रविवार को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की टीम ने भ्रष्टाचा के मामले में इमरान खान से अदियाला जेल में दो घंटों से ज्यादा समय तक पूछताछ की।