प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घाना आगमन पर उनका गरिमापूर्ण स्वागत किया गया। घाना की संसद में प्रधानमंत्री के ऐतिहासिक संबोधन के दौरान दो सांसद भारतीय पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए, जिससे भारत और उसकी सांस्कृतिक विरासत के प्रति उनके सम्मान का परिचय मिला।
संसद में एक पुरुष सांसद ने पारंपरिक पगड़ी और बंदगला सूट पहना था, जबकि एक महिला सांसद ने साड़ी धारण कर सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने खड़े होकर अपनी पोशाक का प्रदर्शन किया, जिससे प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य सांसदों ने तालियों से स्वागत किया।
संसद के अध्यक्ष अल्बान सुमाना किंग्सफोर्ड बागबिन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि ये सांसद भारत यात्रा पर जाना चाहें, तो उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा, “मैं भारत और इसकी संस्कृति के प्रति उनके लगाव की सराहना करता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इन दोनों सांसदों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उनके इस भावपूर्ण सम्मान के लिए हाथ मिलाकर आभार व्यक्त किया।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि घाना आना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने घाना को लोकतंत्र की भावना का प्रतीक बताया और कहा कि वे 1.4 अरब भारतीयों की शुभकामनाएं लेकर आए हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत अफ्रीका की प्रगति में एक स्थायी साझेदार है और ‘एजेंडा 2063’ जैसे विकासात्मक प्रयासों का समर्थन करता है।
इससे पहले दिन में घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से नवाजा। प्रधानमंत्री ने यह सम्मान भारत के युवाओं, उसकी सांस्कृतिक विविधता और भारत-घाना के ऐतिहासिक रिश्तों को समर्पित किया। यह प्रधानमंत्री मोदी को किसी विदेशी सरकार द्वारा दिया गया 24वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है, जिसे एक राजकीय भोज के दौरान प्रदान किया गया।