शांति की आड़ में तैयारी जंग की: इजराइल-अमेरिका से टकराव को तैयार ईरान

ईरान ने इजराइल से संभावित युद्ध की आशंका के चलते फिर से रणनीतिक मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। यदि युद्धविराम टूटता है, तो ईरान किसी भी नुकसान से बचने के लिए पहले से ही कदम उठा रहा है। इसी क्रम में ईरान ने सबसे पहले अपने भीतर फैले मोसाद नेटवर्क को खत्म करने का अभियान छेड़ा है। देशभर में बड़े पैमाने पर तलाशी और गिरफ्तारी अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें एक ही दिन में 50 से अधिक संदिग्धों को पकड़ा गया है।

इसी के साथ ईरान ने समुद्री सीमाओं पर भी सतर्कता बढ़ा दी है। होर्मुज जलडमरूमध्य की ओर समुद्री माइंस रवाना की गई हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इसे बंद कर रणनीतिक बढ़त हासिल की जा सके।

दोतरफा रणनीति में जुटा ईरान

ईरान की योजना दो स्तरों पर काम करने की है। पहला, देश के भीतर सक्रिय मोसाद नेटवर्क को खत्म करना और दूसरा, समुद्र के रास्ते अमेरिकी और इजरायली ताकतों से निपटने की व्यापक तैयारी। माना जा रहा है कि ईरान मोसाद के हमलों का जवाब उसी तरीके से देना चाहता है, जैसे उस पर गुप्त ऑपरेशनों के ज़रिए हमले हुए थे।

अमेरिका की कड़ी निगरानी

ईरान की गतिविधियों पर अमेरिकी खुफिया एजेंसियां लगातार नजर बनाए हुए हैं। अनुमान है कि यदि ईरान पर हमला हुआ, तो वह होर्मुज जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर सकता है। अमेरिका ने इस आशंका को देखते हुए अपने एयरक्राफ्ट कैरियर USS Carl Vinson को क्षेत्र में तैनात कर दिया है। यह बेड़ा अरब सागर के रास्ते ईरान के नजदीक पहुंच चुका है और इसके साथ दो विध्वंसक युद्धपोत भी हैं।

होर्मुज जलडमरूमध्य पर खतरे के बादल

अमेरिकी रिपोर्टों के मुताबिक, ईरान होर्मुज को “डेंजर ज़ोन” में तब्दील करने की योजना पर काम कर रहा है। रणनीति यह है कि समुद्री मार्ग को इतना असुरक्षित बना दिया जाए कि कोई भी जहाज उस रास्ते से गुजरने की हिम्मत न करे। यदि ईरान इस जलमार्ग को बंद करता है, तो तेल और गैस की आपूर्ति पर वैश्विक संकट खड़ा हो सकता है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर संभव

होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी को जोड़ता है और इसी मार्ग से दुनिया का लगभग 30% तेल निर्यात होता है। 34 किलोमीटर लंबे और महज़ 3 किलोमीटर चौड़े इस रास्ते को ईरान अपने नियंत्रण में रखता है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां समुद्री माइंस लगाए जाने की तैयारी चल रही है और ईरानी युद्धपोत इस दिशा में बढ़ रहे हैं।

मोसाद के खिलाफ जवाबी रणनीति

ईरान इस बार अपनी योजनाओं को अत्यंत गोपनीय रख रहा है। मोसाद के गुप्त हमलों का जवाब देने के लिए ईरान समान रूप से छिपे हुए तरीके से काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि बंदरगाहों पर मोसाद की मजबूत पकड़ है, इसलिए समुद्री मार्गों की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। साथ ही, ईरान की सैन्य कमान को भी गोपनीय रखा गया है। हालांकि, मोसाद ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह दावा किया है कि उसने ईरानी सैन्य कमान की पहचान कर ली है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here