ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जेरूसलम की जिला अदालत से बड़ा झटका मिला है। अदालत ने शुक्रवार को उनके खिलाफ चल रहे तीन भ्रष्टाचार मामलों की सुनवाई को दो सप्ताह के लिए स्थगित करने की याचिका को खारिज कर दिया।
प्रधानमंत्री के वकील अमित हदद ने सुनवाई टालने की अर्जी में तर्क दिया था कि नेतन्याहू इस समय सुरक्षा और कूटनीतिक मसलों में व्यस्त हैं, खासकर ईरान के साथ हालिया संघर्ष और गाज़ा युद्ध के बाद उत्पन्न हालात को लेकर। लेकिन न्यायाधीश रिव्का फ्राइडमैन-फेल्डमैन ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें सुनवाई टालने का कोई ठोस आधार नहीं दर्शाया गया है।
कुछ घंटों बाद नेतन्याहू की ओर से एक नई याचिका दाखिल की गई, जिसमें अगले सप्ताह के कार्यक्रम की जानकारी दी गई, ताकि यह दर्शाया जा सके कि वे वाकई व्यस्त हैं और स्थगन की जरूरत है।
तीन मामलों में चल रही है सुनवाई
नेतन्याहू पर तीन अलग-अलग मामलों में रिश्वत, धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोप हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री इन सभी आरोपों से इनकार करते हैं और दावा करते हैं कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है, जिसमें पुलिस और अभियोजन पक्ष की भूमिका है।
सरकारी मंत्रियों की तीखी प्रतिक्रिया
अदालत के फैसले के बाद वित्त मंत्री बेजालेल स्मोत्रिच ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्यायपालिका राष्ट्रीय हितों की गंभीरता को नहीं समझ पा रही है। उन्होंने इसे “राष्ट्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण” बताया। राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन गवीर ने भी फैसले की आलोचना करते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस अपील को दोहराया, जिसमें उन्होंने नेतन्याहू के खिलाफ मुकदमा समाप्त करने की बात कही थी।
लिकुड पार्टी भी फैसले से नाराज
लिकुड पार्टी की सांसद टैली गोटलिव ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रधानमंत्री के साथ हो रहे व्यवहार से वे आहत हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि नेतन्याहू इस कठिन समय में भी अपने आत्मबल और नेतृत्व क्षमता को बनाए रखेंगे, जैसा उन्होंने हमेशा देश के लिए किया है।