बीसीसीआई (BCCI) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) का मंगलवार सुबह निधन हो गया. दिल का दौरा पड़ने ने 62 वर्षीय अमिताभ का निधन हुआ है. दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें तत्काल रांची के सैंटेविटा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वो झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से 2 माह पहले सेवानिवृत्त हुए थे. रांची (Ranchi) का जेएससीए स्टेडियम बनवाने में उनका सबसे अहम योगदान माना जाता है. अमिताभ चौधरी के निधन पर झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास ने दुख जताया है.
‘मन व्यथित है’
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा कि, ”पूर्व आईपीएस अधिकारी, जेपीएससी के पूर्व चेयरमैन व झारखंड में क्रिकेट को बढ़ावा देने में विशेष योगदान देने वाले अमिताभ चौधरी जी के आकस्मिक निधन की खबर से मन व्यथित है. ईश्वर श्री चौधरी की आत्मा को चिर शांति प्रदान करें. ॐ शांति ॐ शांति.”
रघुवर दास ने जताया दुख
रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि, ”पूर्व आईपीएस अधिकारी और JSCA के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ चौधरी जी के आकस्मिक निधन की सूचना मिली.
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह पीड़ा सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति.”
सीएम हेमंत सोरेन ने जताया दुख
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्विटर पर चौधरी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “जेएससीए के पूर्व अध्यक्ष श्री अमिताभ चौधरी जी के आकस्मिक निधन की दुखद खबर मिली. पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ जी ने राज्य में क्रिकेट के खेल को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवार को दुख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे.”
2002 में बने BCCI के सदस्य
बता दें कि, 2002 में अमिताभ चौधरी बीसीसीआई के सदस्य बने. 2005 में झारखंड के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो को हराकर वो झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) के अध्यक्ष बने. इसके बाद 2005 से लेकर 2009 तक वो क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे. 2013 में उन्होंने आईपीएस की नौकरी से वीआरएस ले लिया था और 2014 में राजनीति में कदम रखा. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर अमिताभ ने बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम से रांची लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था. हालांकि, वो चुनाव नहीं जीत सके. इसके बाद वो बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए थे. साथ ही आईसीसी बोर्ड में भारत के नियुक्त प्रतिनिधि के तौर पर भी काम किया. जेपीएससी के चेयरमैन के तौर पर सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट रिकॉर्ड समय में जारी करने का श्रेय भी उनके नाम रहा. उनकी पत्नी अमिताभ निर्मला चौधरी भी आईपीएस रही हैं. परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और पुत्री हैं.