पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर झूठे दावे करने का आरोप लगाया

एक दिन पहले जहां सीएम शिवराज ने रोजगार दिवस मनाकर युवाओं को रोजगार के सपने दिखाए तो आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर झूठे दावे करने का आरोप लगाया है। कहा है कि पिछले 16 वर्षों से शिवराज सरकार रोजगार को लेकर झूठे आश्वासन दे रही है।

बता दें कि बीते दिन रोजगार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सरकार ने प्रदेश के 5.26 लाख से अधिक युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग दो महीने में सामूहिक रूप से 2,654 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया करने की जानकारी दी गई थी। इसी को लेकर कमलनाथ ने ट्वीट किया है।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि अभी भी रोजगार मेले के नाम पर रोज़गार के झूठे दावे किए जा रहे हैं। अगले दो साल में 30 लाख लोगों को रोज़गार के झूठे सपने दिखाए जा रहे हैं। हर माह एक लाख लोगों को रोजगार के दावे पिछले कई माह से किए जा रहे हैं। बैकलॉग के पदों पर व रिक्त पदों पर भर्ती के झूठे वादे भी गत कई वर्षों से किए जा रहे हैं।

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा 34 लाख के करीब पहुंच चुका है। अभी हाल ही में हमने प्रदेश के ग्वालियर कोर्ट में चपरासी, ड्राइवर, माली, सफ़ाईकर्मी के 15 पदो के लिए 11082 उच्च शिक्षित लोगों को आवेदन करते हुए देखा है। वहीं उज्जैन कोर्ट में चपरासी और ड्राइवर के 25 पदों के लिए 9500 लोगों को आवेदन करते हुए देखा है। वही इंदौर में छात्रों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान रोजगार की मांग को लेकर नारेबाज़ी के दृश्य भी हमने देखे हैं। यह तस्वीरें प्रदेश में रोजगार की स्थिति को बयां कर रही हैं। शर्मनाक बात है कि उसके बाद भी सच्चाई स्वीकार करने की बजाय शिवराज सरकार अभी भी झूठ परोसने में लगी है।

बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को स्वामी विवेकानंद जयंती पर रोजगार दिवस का आयोजन किया था। इसमें उन्होंने बताया था कि लगभग दो महीनों में (16 नवंबर, 2021 से 12 जनवरी, 2022 तक) 5,26,510 लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत 2,654 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया, ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, पीएम स्वानिधि योजना और कई अन्य योजनाओं के तहत ऋण प्रदान किए गए।

चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति में समृद्ध भारत के विकास की दृष्टि है, विशेषकर कक्षा 6 से व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। युवाओं में रोजगार पैदा करने का कौशल होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में युवा नौकरी की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि राज्य में नौकरी चाहने वालों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश ने कोविड-19 संकट के दौरान भी निवेश आकर्षित किया और निवेशकों को कम लागत पर जमीन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर राज्य में क्लस्टर-वार उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here