केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि लोकतंत्र का मकसद समाज के सबसे आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाना है. इस दौरान उन्होंने राजनेताओं का जिक्र करते हुए चुटकी ली. गडकरी ने कहा कि विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री सभी दुखी हैं. उन्होंने कहा कि CM लोग इसलिए दुखी हैं कि कब रहेंगे, कब जाएंगे भरोसा नहीं है.
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ महीनों के भीतर बीजेपी नेतृत्व ने चार मुख्यमंत्रियों को बदला है. सोमवार को ही विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.
राजस्थान विधानसभा में ‘संसदीय प्रणाली और जन अपेक्षाएं‘ विषय पर आयोजित संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और सुनिल गावस्कर से बातचीत का उदाहरण दिया.
गडकरी ने कहा, ”…राजनीति स्किल है. समस्या सब के सामने है. पार्टी में, पार्टी के बाहर, विधानसभा क्षेत्र में, परिवार में, आस पास में सब जगह समस्या है. कोई कहता है इसे टिकट दे दो, उसे हटा दो, समस्या किसके सामने नहीं है. एक ने पूछा कि आप लोगों में से सुखी कौन है? तो किसी ने हाथ नहीं खड़ा किया. क्योंकि जो एमएलए हैं वो इसलिए दुखी हैं कि वो मंत्री नहीं बन पाए, मैं आपके लिए (सामने बैठे नेताओं से) नहीं कह रहा हूं.”
उन्होंने आगे कहा, ”मंत्री इसलिए दुखी थे क्योंकि उन्हें अच्छा विभाग नहीं मिला. जिनको अच्छा विभाग मिला वो इसलिए दुखी थे कि वो मुख्यमंत्री नहीं बन पाए और जो मुख्यमंत्री बने वो इसलिए दुखी थे कि कब रहेंगे, कब जाएंगे भरोसा नहीं है.” (बयान 18 मिनट के बाद सुना जा सकता है)
गडकरी ने कहा, ”राजनीति सामाजिक व राजनीतिक बदलाव का प्रभावी उपकरण है. इसलिए लोकतंत्र के माध्यम से समाज के सबसे आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति के जीवन को टिकाउ बनाना, सामाजिक आर्थिक परिवर्तन करना तथा उसी से समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करना ही लोकतंत्र का मकसद है.”