गहलोत सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को दी राहत, कोविड पैकेज का किया ऐलान

अशोक गहलोत सरकार ने कोरोना महामारी (Corona Virus) की दूसरी लहर और प्रदेशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के मद्देनजर गंभीर आर्थिक परिस्थितियों से गुजर रहे प्रदेश के उद्यमियों को लोन की मासिक (EMI) अथवा त्रैमासिक किश्तों की अदायगी में राहत देने का निर्णय लिया है. इसके लिए राजस्थान वित्त निगम (Rajasthan Finance Corporation) ने लोन किश्त भुगतान के शेड्यूल में शिथिलता देने के लिए परिपत्र जारी किया है. निगम द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार औद्योगिक इकाइयों के लिए वर्ष 2021 के जून, जुलाई और अगस्त माह में देय मूलधन की ईएमआई और त्रैमासिक किश्तों को स्थगित किया गया है.

विलंबित की गई किश्तें ऋण के पुनर्भुगतान की अंतिम तिथि के बाद देय होंगी और भुगतान शेड्यूल तदनुसार पुनर्निधारित किया जाएगा. निगम से लोन प्राप्त औद्योगिक इकाइयों के लिए मूलधन की अगली नियमित किश्त एक सितंबर, 2021 को देय होगी.

भुगतान तिथियों में कोई बदलाव नहीं

वित्त निगम की ओर से सभी संबंधित बैंक शाखाओं के लिए जारी इस परिपत्र के अनुसार जून से अगस्त 2021 की अवधि में देय ऋण के ब्याज की भुगतान तिथि में कोई बदलाव नहीं होगा. हालांकि विशेष परिस्थितियों में किसी ऋणी इकाई को एक जून, 2021 को देय ब्याज के भुगतान के लिए दो महीने का समय दिया जा सकता है. लेकिन इस स्थिति में ऋणी द्वारा नियमानुसार ब्याज राशि पर ब्याज देय होगा.
ऋण अदायगी में उक्त राहत के लिए संबंधित उद्यमियों को संशोधित भुगतान शेड्यूल के लिए लिखित सहमति देनी होगी. पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की इकाइयों के लिए भी वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान देय मूलधन राशियों के पुनर्भुगतान की अवधि एक वर्ष के लिए बढाई गई है, और यह भुगतान चार किश्तों में देय होगा. उक्त इकाइयों के लिए ऋण राशि पर जून तिमाही में देय ब्याज राशि 31 जुलाई, 2021 तक जमा कराई जा सकेगी.

वित्त निगम की घोषणा का इनको भी मिलेगा लाभ

राजस्थान वित्त निगम द्वारा घोषित उक्त लाभ युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत दिए गए ऋण खातों पर भी देय होंगे. इस क्रम में जो परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं और उनकी मूलधन भुगतान किश्त शुरू नहीं हुई है या जिनका ऋण भुगतान स्थगित है, उनकी क्रियान्वयन अवधि अथवा ऋण स्थगन अवधि छह माह के लिए बढ़ाई जाएगी, और उनका पुनर्भुगतान शेड्यूल तदनुसार लागू होगा. यह परिलाभ मार्च 2021 की स्थिति में सभी स्टैंडर्ड अथवा सब-स्टैंडर्ड ऋण खातों के लिए देय होंगे.

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