औरंगजेब का महिमामंडन गलत, मुगल शासक का कब्र हटाया जाना चाहिए: राम कदम

मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर विवाद इन दिनों महाराष्ट्र की सियासत में छाया हुआ है. राज्य में कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की ओर से छत्रपति संभाजीनगर के खुल्दाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की जा रही है. केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने इस मांग का विरोध किया है. कांग्रेस नेता भाई जगताप ने इस पर राजनीति बंद करने की मांग की है तो बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि कब्र को वहां से हटा दिया जाना चाहिए.

महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और एमएलसी भाई जगताप ने कहा कि औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र में है. सभी को यह पता है कि शिवाजी महाराज और शंभाजी महाराज ने इस क्रूर शासक को 27 सालों तक परेशान करके रखा और महाराष्ट्र पर काबिज नहीं होने दिया. अब इस कब्र को यहां से हटाने की बात करने वाले राजनीति करना बंद करें.

कब्र हटाने की बात करने वालों के साथः राम कदम

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता राम कदम ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए कहा, “औरंगजेब जैसे क्रूर शख्स का जो भी लोग महिमामंडन कर रहे हैं वो गलत है. उसकी कब्र को यहां से हटा देना चाहिए और मैं भी इसके साथ हूं जो कब्र को हटाने की बात कर रहे हैं.”

महाराष्ट्र कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तुलना औरंगजेब से कर दी. इस पर विवाद खड़ा हो गया है. इस मसले पर राम कदम ने कहा कि कांग्रेस के प्रांत अध्यक्ष अपने नेता राहुल गांधी को खुश करने के लिए ऐसा घटिया बयान दे रहे हैं कि औरंगजेब और फडणवीस एक समान हैं. इनकी औकात नहीं है कि वह फडणवीस पर कुछ कह सकें.

सपकाल के बयान पर सदन में हंगामा

बीजेपी ने हर्षवर्धन सपकाल के उक्त बयान की कड़ी निंदा की है. बीजेपी ने कहा कि उनका यह बयान गैरजिम्मेदाराना है. सपकाल के बयान पर सोमवार को विधानसभा में भी जोरदार हंगामा हुआ. सत्तारुढ़ महायुति गठबंधन के विधायकों की ओर से सपकाल की टिप्पणी का मुद्दा उठाए जाने पर सदन में हंगामा हुआ. कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.

महायुति के विधायकों ने सपकाल की टिप्पणी की निंदा की तथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. सपकाल ने कल रविवार को कहा था, “औरंगजेब एक क्रूर शासक था. आज सीएम देवेंद्र फडणवीस भी उतने ही क्रूर शासक हैं. वह हमेशा धर्म से जुड़े मुद्दों का सहारा लेते हैं, लेकिन सरपंच संतोष देशमुख की हत्या जैसे मामलों पर कुछ नहीं करते.”

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