अमेरिका और चीन के बीच चल रही टैरिफ की जंग में गोल्ड की कीमतों ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. जिसकी वजह से देश के वायदा बाजार में गुरुवार को गोल्ड ने एक बार फिर से कीमतों का रिकॉर्ड बना दिया है. खास बात तो ये है कि बीते 33 कारोबारी घंटों में गोल्ड की कीमतों में करीब 4900 रुपए की तेजी देखने को मिल चुकी है. जानकारों की मानें तो दो दिनों से गोल्ड की कीमतों में लगातार तेजी आई है. उसका कारण अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ टेंशन है. अमेरिका जहां कई देशों पर टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है. वहीं चीन पर टैरिफ को ना सिर्फ जारी रखा, बल्कि इसे 125 फीसदी तक बढ़ा दिया है. वहीं दूसरी ओर चीन की ओर से लगातार कार्रवाई जारी है.
जानकारों की मानें तो टैरिफ वॉर की वजह से दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों की ओर से गोल्ड की खरीदारी तेज कर दी है. वहीं दूसरी ओर चीन में गोल्ड ईटीएफ में निवेश को बढ़ा दिया है. दूसरी ओर निवेशकों की ओर से भी गोल्ड को सेफ हैवन के रूप में निवेश करना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से गोल्ड की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. एक्सपर्ट के अनुसार गोल्ड की कीमतों में आने वाले दिनों में और तेजी देखने को मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सोने के दाम किस लेवल पर पहुंच गए हैं.
गोल्ड के दाम में इजाफा, बनाया रिकॉर्ड
देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमतों में गुरुवार को तेजी देखने को मिल रही है. वास्तव में महावीर जयंति होने के कारण वायदा बाजार सेकंड हाफ यानी शाम 5 बजे ओपन हुआ. एमसीएक्स के आंकड़ों के अनुसार सोने के दाम 7 बजकर 55 मिनट पर 1,946 रुपए की तेजी के साथ 91,750 रुपए प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड की कीमतें 2,046 रुपए की तेजी के साथ 91,850 रुपए प्रति दस ग्राम के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया. वैसे सोने की कीमत 91,464 रुपए के साथ ओपन हुआ था. जानकारों की मानें तो गोल्ड की कीमत में और तेजी देखने को मिल रही है.
33 घंटों में 4,900 रुपए की तेजी
खास बात तो ये है कि बीते 33 कारोबारी घंटों गोल्ड की कीमतों में करीब 4,900 रुपए की तेजी देखने को मिल रही है. 7 अप्रैल के बाद गोल्ड की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. एमसीएक्स के आंकड़ों के अनुसार गोल्ड की कीमत 86,928 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गई थी. जब गुरुवार को शाम 5 बजे बाजार ओपन हुआ तो गोल्ड की कीमत दो घंटों में 91,850 रुपए के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया. इसका मतलब है कि सोने के दाम में इन 32 कारोबारी घंटों में 4,922 रुपए तक महंगा हो चुका है. इसका मतलब है कि गोल्ड की कीमतों में 5.50 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है.
क्यों बढ़े गोल्ड के दाम
- ट्रेड की अनिश्चितता के कारण इंटरनेशनल लेवल पर सोने की कीमतों में भी उछाल आया. कॉमेक्स गोल्ड सेशन के दौरान लगभग 2 प्रतिशत उछला. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाने की घोषणा की, जबकि चीनी इंपोर्ट पर टैरिफ में 125 फीसदी प्रतिशत की भारी वृद्धि की.
- ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ पर रोक की वजह से शेयर बाजारों को भी काफी राहत मिली है. इसके विपरीत चीन पर उनके आक्रामक रुख ने यह आशंका जताई है कि दुनिया अभी भी दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक बड़े ट्रेड वॉर की संभावना का सामना कर रही है, जो ग्लोबल इकोनॉमी को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. जियो पॉलिटिकल और इकोनॉमिक अस्थिरता की वजह से सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिलती है.
- केंद्रीय बैंक की खरीदारी, मजबूत खुदरा मांग और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती की प्रत्याशा सोने की कीमतों को स्पोर्ट देने वाले दूसरे फैक्टर्स हैं. ब्लूमबर्ग के अनुसार, चीनी निवेशकों ने पिछले सप्ताह गोल्ड ETF में रिकॉर्ड निवेश किया. ब्लूमबर्ग ने बताया कि पिछले सप्ताह हुआन यिफू गोल्ड ETF सहित चार प्रमुख ऑनशोर गोल्ड ETF में निवेश 7.6 बिलियन युआन (1 बिलियन डॉलर) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, और इस सप्ताह भी मजबूत प्रवाह जारी रहा.
- यूएस फेडरल रिजर्व की पिछली पॉलिसी मीटिंग के मिनट्स से पता चला कि पॉलिसी मेकर्स का मानना है कि अमेरिकी इकोनॉमी में महंगाई की स्थिति आ सकती है. हाई इंफ्लेशन और लो ग्रोथ की स्थिति आगे की राह को और भी चुनौतीपूर्ण बना सकती है. रॉयटर्स के अनुसार, बाजार वर्तमान में वर्ष के अंत तक यूएस फेड द्वारा 84 आधार अंकों की दर कटौती का अनुमान लगा रहा है.
- इस बीच, यूएस CPI फरवरी में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि के बाद मार्च में महीने-दर-महीने 0.1 प्रतिशत गिरा. रॉयटर्स ने श्रम विभाग के श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष-दर-वर्ष आधार पर, अमेरिकी सीपीआई में मार्च में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि फरवरी में इसमें 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
- इसके अलावा सैकड़ों इंडोनेशियाई लोग गोल्ड की जमकर खरीदारी कर रहे हैं. ये खरीदारी इसलिए की जा रही है ताकि कीमती धातु का मूल्य उन्हें आने वाले कठिन आर्थिक समय से बचा सकता है. इंडोनेशिया में यह धारणा इसलिए बैठ गई है कि साउथ ईस्ट की सबसे बड़ी इकोनॉमी की करेंसी और शेयर बाजार में गिरावट आ रही है.