गोंडा: सड़क हादसे में तीन की मौत, आमने-सामने स्कूटी और मोटरसाइकिल में भिड़ंत

गोंडा-बलरामपुर मार्ग पर कुआंनो पुल के पास सोमवार की आधी रात बाइक व स्कूटी की आमने-सामने भिड़ंत में चचेरे भाइयों समेत सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को बलरामपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चचेरे भाइयों समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि चार लोगों का इलाज चल रहा है।

घटनाक्रम के मुुताबिक इटियाथोक थाना क्षेत्र के भवानीपुर कलां गांव निवासी सुमित गुप्ता (23) अपने चचेरे भाइयों उदय भान (13), दीपक (11) व चाचा अर्जुन (48) के साथ एक ही स्कूटी से बलरामपुर जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र के कुकुरभुकवा गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने गया था। जहां से आधी रात सभी स्कूटी से ही अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में गोंडा-बलरामपुर मार्ग पर कुआंनो पुल के पास सामने से आ रहे बलरामपुर जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के गनवरिया गांव निवासी बाइक सवार छोटू (20), देवा (17) व रागिनी (12) की बाइक से भिड़ंत हो गई। इसे हादसे में सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। आधी रात हादसा होने पर तकरीबन तीस मिनट तक सभी कुआंनो पुल के पास ही तड़पते रहे। उधर से गुजर रहे लोगों ने जब लोगों को तड़पते देखा तो यूपी 112 पर सूचना दी। इसके बाद पहुंची पुलिस ने घायलों को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल बलरामपुर पहुंचाया।

खरगूपुर थाना अंतर्गत जानकीनगर चौकी प्रभारी दिवाकर मिश्रा ने बताया कि जिला अस्पताल बलरामपुर में सुमित गुप्ता उसके चचेरे भाई दीपक व छोटू की इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि अन्य घायलों का इलाज चल रहा है। चौकी प्रभारी ने बताया कि स्कूटी व बाइकसवार लोगों ने हेलमेट नहीं लगा रखी थी। जिससे सिर में गहरी चोट लगने से तीन लोगों की मौत हुई है।

मानी होती रिश्तेदारों की बात तो बच जाती जान
सुमित के चाचा अर्जुन ने बताया कि वह अपने दो बेटों दीपक, उदयभान व भतीजे सुमित के साथ शाम को शादी समारोह में शामिल होने के लिए घर से निकला था। स्कूटी सुमित चला रहा था, दीपक स्कूटी पर आगे बैठा था उदय भान बीच में और वह सबसे पीछे बैठे थे। आधी रात के बाद जब हादसा हुआ तब चारों लोग घर लौट रहे थे। रिश्तेदारों ने आधी रात घर लौटने से रोका था। मगर वह नहीं माने। अगर रिश्तेदारों की बात मान ली होती तो बेटे दीपक व बड़े भाई देवीदीन के बेटे सुमित की जान बच जाती। सुमित के बड़े भाई सूरज की वर्ष 2021 में बीमारी से मौत हो गई थी। सुमित की मौत से माता आशा व पिता देवीदीन के बुढ़ापे का सहारा छिन गया।

फेरों के तीन दिन बाद ही उजड़ गया पत्नी के मांग का सिंदूर
सुमित गुप्ता लखनऊ की एक निजी कंपनी में नौकरी करता था। वहीं अपनी माता अशा व पिता देवीदीन के साथ रहता था। उसकी 26 मई को शादी हुई थी। शादी के फेरों के बाद 27 मई की सुबह वह पत्नी रूबी को विदा कराकर घर लाया था। उसके दूसरे दिन 28 मई वह रस्म अदायगी के लिए रूबी मायके चली गई थी। चाचा अर्जुन ने बताया कि एक सप्ताह बाद रूबी को बिदा कराने वह ससुराल जाने वाला था। मगर इसी बीच हादसे में हुई सुमित की मौत से रूबी के मांग का सिंदूर उजड़ गया।

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