गोरखपुर: इस्लामिया कॉलेज का निर्माणाधीन छज्जा गिरा, दो श्रमिक दबे

इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स बक्शीपुर के उत्तरी द्वार पर निर्माणाधीन पोर्टिको का छज्जा बुधवार की देर शाम भरभरा का गिर गया। इसके नीचे दो मजदूर दब गए। कड़ी मशक्कत के बाद देर रात एक मजदूर को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। दूसरे मजदूर की तलाश में राहत-बचाव कार्य जारी था। हादसे में कुछ और लोग घायल हुए हैं। दूसरी तरफ, डीएम कृष्णा करुणेश ने नगर मजिस्ट्रेट की अगुवाई में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसमें लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता व निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता को शामिल किया गया है। कमेटी को घटना की वजह व जिम्मेदारों का उत्तरदायित्व तय करते हुए तत्काल रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स के उत्तरी गेट पर पोर्टिको का निर्माण कराया जा रहा है। शनिवार की शाम छह बजे के करीब शटरिंग के बाद छज्जा ढलाई का काम चल रहा था। सिधावल पिपराइच के प्रदीप (26) और बसंतपुर सरैया के राजू (60) नीचे से निर्माण सामग्री ऊपर भेज रहे थे। रामकरन ऊपर छज्जा लगा रहे थे। इसी बीच शटरिंग सहित छज्जा भरभरा कर गिर पड़ा। जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक, छज्जा गिरने से रामकरन को चोट लगी है, लेकिन वह बाल-बाल बच गए। बसंतपुर सरैया में किराये का मकान लेकर रहने वाले राजू और प्रदीप छज्जे के नीचे दब गए। इसकी सूचना जैसे ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को मिली, वैसे ही हड़कंप मच गया।मामले की जानकारी एनडीआरएफ व एसडीआरएफ को दी गई। टीम आई और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया। ढाई घंटे की मशक्कत के बाद रात साढ़े आठ बजे के करीब प्रदीप को जिंदा बाहर निकाला गया। आनन-फानन में उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज चल रहा है। प्रदीप के पैर में फ्रैक्चर है। सीने में भी चोट लगी है। राजू की तलाश जारी है। हादसे की सूचना पाकर एडीजी अखिल कुमार, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, डीआईजी जे. रविंद्र, नगर आयुक्त अविनाश सिंह और एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर सहित तमाम आला अफसर भी मौके पर आए। तब जाकर राहत-बचाव तेज हो सका।

मदद की गुहार लगाते रहे प्रदीप
निर्माण सामग्री के नीचे दबे प्रदीप लगातार मदद की गुहार लगाते रहे। दर्द से कराहते रहे। बीच-बीच में पानी की मांग करते, लेकिन डॉक्टरों ने पानी न देने की सलाह दी। डॉक्टरों ने कहा कि चोट कहां लगी है, यह जानने के बाद ही पानी देना उचित रहेगा। प्रदीप ढाई घंटे तक मौत से जंग लड़ते रहे। देर रात एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की संयुक्त टीम ने प्रदीप को बाहर निकाल गया।

ग्रीन कॉरिडोर बनाया
हादसे के बाद बक्शीपुर से गोलघर काली मंदिर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, ताकि राहत-बचाव कार्य में किसी तरह की दिक्कत न आ सके। एंबुलेंस आसानी से आ और जा सके।

बंद मिला प्रबंधक का मोबाइल फोन
हादसे के बाद पुलिस व प्रशासनिक अफसर कॉलेज प्रबंधन से बात करने का प्रयास करते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। पुलिस के मुताबिक, कॉलेज के प्रबंधक शोएब अहमद हैं। हादसे के बाद शोएब अहमद का मोबाइल फोन बंद जा रहा है।

नक्शा पास है या नहीं, जांच कराएगा जीडीए
कॉलेज के पोर्टिको का निर्माण जीडीए की अनुमति से कराया जा रहा था या नहीं, इसकी जांच होगी। कमिश्नर रवि कुुमार एनजी के मुताबिक, जीडीए की टीम बुलाई गई है। एक-एक बिंदु की जांच की जाएगी। बिना सूचना या नक्शा पास कराए निर्माण कराया जा रहा था तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कॉलेज भवन के नक्शे की भी जांच होगी। ऐसे मामलों में किसी तरह की हीलाहवाली नहीं बरती जाएगी।गड़बड़ी मिली तो विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

ठेकेदार आसिम करा रहा था निर्माण, हिरासत में लिया गया
कॉलेज के छज्जे का निर्माण ठेकेदार आसिम करा रहे हैं। हादसे के बाद से आसिम को हिरासत में लिया गया है। पुलिस के मुताबिक, निर्माण कार्यों में जरूरी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया है। जो मजदूर काम कर रहे थे, उन्हें जरूरी सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए थे। बिना हेलमेट, बूट व सुरक्षा इंतजाम के काम कराया जा रहा था। इस वजह से हादसे के बाद प्रदीप को गंभीर चोटें आई हैं।

दर्ज होंगे मुकदमे
एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर का कहना है कि इस मामले में लापरवाही सामने आई है। पीड़ितों के परिजनों की तहरीर पर मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। जो लोग मलबे में दबे थे, उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। तहरीर मिलने के साथ ही मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। राहत-बचाव कार्य जारी है। जो लोग फंसे हैं, उन्हें प्राथमिकता पर निकलना है।

डॉग स्क्वॉड की मदद से तलाश
देर रात डॉग स्क्वॉड की मदद से लोगों की तलाश की गई। पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि दो लोगों के अलावा तो कुछ लोग नहीं दबे हैं। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

निर्माण कार्य प्रबंध कमेटी की निगरानी में कराया जा रहा था। ठेकेदार को पूरी जिम्मेदारी दी गई थी। छत की ढलाई का काम चल रहा था। शाम चार बजे तक सब ठीक था। घर आने के बाद हादसे की जानकारी हुई। निर्माण की अनुमति जीडीए से ली गई है या नहीं, यह प्रबंध कमेटी ही बता पाएगी। -डॉ. शाहिद जमाल, प्राचार्य, इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स गोरखपुर

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