केंद्र सरकार ने सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाली कंपनियों (डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों) के लिए नया नियम अधिसूचित किया है। कंपनियों को पिरामिड और धन प्रसार योजनाओं को बढ़ावा देने से रोक दिया गया है। इन कंपनियों को 90 दिनों के भीतर नए नियमों का अनुपालन करना होगा।
डायेरक्ट सेलिंग कंपनियों को अपने विक्रेताओं द्वारा बेचे गए उत्पादों एवं सेवाओं को लेकर आने वाली शिकायतों के लिए भी जवाबदेह बनाया जाएगा। आपको बता दें कि डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की प्रमुख कंपनियों में टपरवेयर, एमवे और ओरिफ्लेम की गिनती होती है।
इस नियम के दायरे में डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के अलावा ई-कॉमर्स मंचों पर सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाले विक्रेता भी आएंगे। नए नियमों के तहत राज्य सरकारों को सीधी बिक्री से जुड़ी इकाइयों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक व्यवस्था बनानी होगी।
अब प्रत्यक्ष बिक्री वाले विक्रेता ‘धन प्रसार एवं पिरामिड’ योजनाएं नहीं चला सकेंगे। अभी तक ये कंपनियां बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजनाएं चलाती आ रही हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तरह की योजनाएं फ्रॉड को बढ़ावा देती हैं।