स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी की हैं। इस मुद्दे पर गृह सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई, जिसमें ओमिक्रॉन वायरस के मद्देनजर समग्र वैश्विक स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई। इस बैठक में नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. विजय राघवन और स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन तथा अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न डोमेन विशेषज्ञों की उपस्थिति हुई। बैठक के बाद नये गाइडलाइन्स जारी किये गये। नये गाइडलाइन्स के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भारत आने से पहले 14 दिनों की अपनी यात्रा की पूरी डिटेल्स और RT-PCR टेस्ट की ताजा रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
बैठक में क्या लिए गये फैसले?
बैठक में फैसला लिया गया कि ‘जोखिम भरे’ देशों से भारत आने वाले यात्रियों की जीनोमिक निगरानी बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हवाई अड्डों तथा बंदरगाहों पर कड़ी निगाह रखने की सलाह दी गई है। इसके अलावा हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारियों (APHO) और बंदरगाह स्वास्थ्य अधिकारियों (PHO) को हवाई अड्डों तथा बंदरगाहों पर जांच संबंधित प्रोटोकॉल की सख्त निगरानी के निर्देश दिए गए।
इस बैठक में इस वायरस के लिए विभिन्न निवारक उपायों और जिन्हें और बेहतर किया जाना है, उन पर चर्चा की गई। साथ ही आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की जांच और निगरानी पर मानक संचालन प्रक्रिया की समीक्षा तथा उनको अपडेट करने पर सहमति बनी। इसमें विशेष रूप से उन देशों, जिनकी ‘जोखिम वाले’ देशों की श्रेणी में पहचान की गई थी, पर भी चर्चा की गई। इंसाकॉग नेटवर्क के माध्यम से वेरिएंट के लिए जीनोमिक निगरानी के सुदृढ़ीकरण और गहनता को सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। साथ ही उन देशों के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के नमूने तथा संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण पर ध्यान केंद्रित करने पर सहमति व्यक्त की गई, जहां वायरस के ओमिक्रॉन संस्करण का पता चला है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य के अनुसार, निर्धारित वाणिज्यिक अंतर्राष्ट्रीय यात्री विमान सेवा को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि पर निर्णय की समीक्षा की जाएगी। देश के भीतर उभरती महामारी की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी।