फसलों की तुलाई न होने से ग्वालियर के किसान आंदोलन की राह पर

ग्वालियर की सोसायटियों में रखी ज्वार और बाजरे की फसल की तुलाई और भुगतान न होने से किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश किसान सभा के कार्यालय में किसानों की बैठक हुई, जिसमें प्रशासन के फैसले के खिलाफ किसानों ने 23 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन का फैसला लिया। बैठक में बड़ी संख्या में किसान नेता और किसान शामिल हुए। 

दरअसल जिले की सोसायटियों में बीते दो माह से किसानों की ज्वार और बाजरे की फसल रखी हुई है, जिसकी तुलाई और भुगतान में प्रशासन आनाकानी कर रहा है, साथ ही फसलों को अमानक बताकर किसानों पर फसलों को वापस ले जाने का दबाव भी बनाया जा रहा है, जिसके विरोध में किसानों ने 23 जनवरी से अनिश्चतकालीन आंदोलन का फैसला लिया है। 

किसानों को फसलों के चलते नुकसान होने की चिंता सता रही है। वहीं वो बाजार में भी अपनी फसलों को बेच नहीं पा रहे हैं, क्योंकि सोसायटी में फसलों के अमानक बताए जाने के बाद व्यापारी बाजरे की फसल को 1 हजार से 12 सौ रुपये में मांग रहे हैं, जबकि बाजरे का सरकारी खरीदी रेट 2250 रुपये प्रति क्विटंल निर्धारित है। ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

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