महबूबा मुफ्ती के ‘सिखों को खालिस्तानी कहा जा रहा’ पर हरदीप पुरी ने दिया करारा जवाब

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के बयान पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पलटवार किया है. हरदीप पुरी ने ट्वीट किया, ‘किसी भी सरदार (सिख) को देशद्रोही या खालिस्तानी नहीं कहा जाना चाहिए. कुछ गुमराह करने वाले लोगों के आधार पर आप सभी पर आरोप नहीं लगा सकते.’ दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था क‍ि नेहरू और वाजपेयी जैसे नेताओं के पास जम्मू-कश्मीर के लिए दूर की सोच थी लेकिन यह सरकार हिंदू और मुसलमानों को बांटती है. सरदार अब खालिस्तानी हैं, हम पाकिस्तानी हैं, सिर्फ बीजेपी ही हिंदुस्तानी है.

भारतीय जनता पार्टी पर जम्मू कश्मीर के लागों को धार्मिक आधार पर ‘बांटने’ का आरोप लगाते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने संघ शासित प्रदेश को बिक्री के लिए रख दिया है. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर को बाहरी लोगों के लिए बिक्री के लिए रख दिया. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि हम दिवालिया हो जाएं ताकि हमे दूसरे राज्यों (के लोगों) पर निर्भर बनाया जा सके.

जम्‍मू-कश्‍मीर की पुरानी योजनाओं को केंद्र ने रोका: मुफ्ती

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष ने दावा किया कि पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर में उनके मुख्यमंत्री रहते जिन परियोजनाओं की शुरुआत की गयी थी, उसे केंद्र की भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने रोक दिया है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘आबकारी नीति के तहत शराब कारोबार के ठेके बाहरी लोगों को दिए गए हैं. जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा शराब की खपत की जाएगी, लेकिन इसका आर्थिक लाभ बाहरी लोगों को जाएगा.’ उन्होंने दावा किया कि खनन ठेका समेत सभी बड़ी परियोजनायें बाहरी लोगों को आवंटित की गयी है.

जम्मू में रिलायंस रिटेल स्टोर खोले जाने के खिलाफ जम्मू के व्यापारियों ने बुधवार को बंद का आह्वान किया है, जिसे महबूबा समर्थन दे रही हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की दुकाने छोटे कारोबारों को नष्ट कर देंगी. उन्होंने कहा, ‘देश में हमारे पास जो कुछ भी है, वे (भाजपा सरकार) कारपोरेट घरानों को बेच रही है.’ जम्मू कश्मीर में निवेश आने संबंधी पूछे गये एक सवाल के जवाब में महबूबा ने कहा, ‘पहले जो भी निवेश हमें मिला था, वह सब नष्ट हो गया. यहां अपनी इकाईयों को बंद कर वे (उद्योग धंधे) यहां से वापस जा चुके हैं.’

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