हरिद्वार कुम्भ:अवधि अब अप्रैल में करीब दो सप्ताह तक ही सीमित रह सकती है, जानें क्यों?

हरिद्वार कुंभ की अधिकारिक अवधि अब अप्रैल में करीब दो सप्ताह तक ही सीमित रह सकती है। इसमें तीन शाही स्नान पड़ रहे हैं, इससे पूर्व के शेष सभी स्नान बिना नोटिफिकेशन के सम्पन्न होंगे। केंद्र की सख्त गाइडलाइन से बचने के लिए राज्य सरकार अब बीच का रास्ता तलाश रही है।

मंगलवार को कुंभ पर विचार विमर्श करने के लिए कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में मंत्रीपरिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में शहरी विकास विभाग ने 27 फरवरी से मेला कुंभ शुरू करने का प्रस्ताव रखा। लेकिन बैठक में विचार आया कि मेला नोटिफिकेशन के साथ ही केंद्र सरकार की गाइडलाइन लागू हो जाएंगी। जिस कारण श्रद्धालुओं की आवाजाही पर तमाम बंदिशें लागू हो जाएंगी। इसलिए अधिकारिक कुंभ मेला की अवधि सीमित रखी जाए।

केंद्र की गाइडलाइन पर असमंजस
कुंभ को लेकर केंद्र की गाइडलाइन में यह स्पष्ट नहीं है कि एसओपी स्नान पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं पर ही लागू होगी या पूरे कुंभ काल पर लागू होगी, फिर भी मंत्रीपरिषद के ज्यादातर सदस्य इस बात पर सहमत थे कि मुख्य कुंभ काल को 12 से 27 अप्रैल के बीच ही सीमित रखा जाए। 

अप्रैल में नोटिफिकेशन की तैयारी
मेला नोटिफिकेशन भी इस कारण अप्रैल में ही होने की उम्मीद है। इस दौरान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या, 14 अप्रैल को वैशाखी और 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान पड़ रहे हैं। जबकि इससे पहले 11 मार्च को पड़ने वाले महाशिवरात्रि शाही स्नान सहित अन्य स्नान भी बिना नोटिफिकेशन के ही सम्पन्न होंगे।   

मंत्री परिषद की बैठक में कुंभ को लेकर विस्तृत चर्चा हुई है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन, हाईकोर्ट के दिशा निर्देश बैठक में रखे गए। विचार विमर्श के बाद कुंभ की एसओपी, नोटिफिकेशन को लेकर सीएम को अधिकृत कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अखाड़ा परिषद के साथ विचार विमर्श कर इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। दूसरे राज्यों के साथ भी विचार विमर्श चल रहा है।

स्नान के बाद श्रद्धालुओं को उसी दिन लौटना होगा
हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के बाद, उसी दिन वापस लौटना पड़ सकता है। सरकार मेला क्षेत्र में कम से कम यात्रियों को ठहराने के पक्ष में है। शहरी विकास विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक फिलहाल मेला क्षेत्र में यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए कैम्पिंग की इजाजत नहीं दी जा रही है। सिर्फ पुलिस सहित अन्य कार्मिकों के लिए ही टेंट की व्यवस्था की जाएगी। 

सोशल डिस्टेंस के तहत 10 लाख ही कर पाएंगे स्नान
हरिद्वार कुंभ मेला के दौरान सोशल डिस्टेंस के मानकों के तहत 24 घंटे में दस लाख श्रद्धालु ही स्नान कर पाएंगे। जबकि सामान्य तौर पर यह संख्या 16 लाख तक हो सकती थी। इस कारण सरकार बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए राज्यवार कोटा तय कर सकती है।

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