हरियाणा चुनाव की पारदर्शिता पर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप चुनाव आयोग द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद भाजपा भी बांहें चढ़ाकर आगे आ गई है। भाजपा प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने संवैधानिक संस्थाओं पर कांग्रेस के आरोपों को हास्यास्पद की बजाए संदेहास्पद बताते हुए कहा कि यह किसी भयानक संदेहास्पद डिजाइन का हिस्सा नजर आता है। चुनाव आयोग द्वारा दिए गए विस्तृत उत्तर के बाद कांग्रेस बेनकाब हो चुकी है और उसे देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
कांग्रेस की लोकतंत्र में आस्था नहीं
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो लोग राम मंदिर के अभियान से द्वेष करते रहे, वह इस उजाले के पर्व में भी अपने मन के अंधकार को दूर करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। यही कारण है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और व्यवस्थाओं पर उनके मन का अंधकार हावी होता जा रहा है। इन विपक्षी दलों के मन का अवसाद बार-बार उभरकर सामने आ रहा है। इनके भीतर सत्ता का मोह है, जो हारने के बाद भी दिमाग से नहीं जा रहा है।
बिगड़े दिल शहजादे की मानसिकता
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जिस तरह कांग्रेस द्वारा लगाए गए अनर्गल आरोपों का विस्तृत जवाब दिया है, वह दर्शा रहा है कि इनके भीतर सत्ता के मोह का तामसिक अभिमान है। कांग्रेस पर कटाक्ष किया कि 99 के नशे में, सत्ता को अपनी मान लेने के अहंकार में जो गाड़ी चला रहे थे, उसके एक्सीडेंट के लिए दूसरे को दोष देने वाले बिगड़े दिल शहजादे की मानसिकता से उन्हें बाहर आना चाहिए। जहां हार गए, वहीं चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जाते हैं। कांग्रेस ने इस तरह की विचारधारा क्यों बना ली है कि वह भारत के लोकतंत्र की हर संस्था के बारे में संदेह उत्पन्न कर अराजकता क्यों पैदा करना चाहती है?
अंधकार फैलाने वालों से सावधान
कांग्रेस सहित आईएनडीआईए के सहयोगी दलों पर ‘अनऑफिशियल पीएम’ और ‘अनआफिशियल सीएम’ देने पर तंज कसते हुए कहा कि इन लोगों के विचार के कारण लोकतंत्र खतरे में है। ऐसे विचारों से देश की जनता को अब सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है।वरिष्ठ भाजपा नेता ने देशवासियों को चेताया कि दीपोत्सव पर अंधकार फैलाने वालों से सावधान रहें। कांग्रेस अब पूरी तरह से बेनकाब हो गई है कि लोकतंत्र की किसी व्यवस्था में उसे विश्वास नहीं है। भारत की व्यवस्थाओं को कमजोर करने के लिए वह किसी भी सीमा तक जा सकती है।
पटाखों पर प्रतिबंध
हिन्दुत्व-सनातन विरोधी सोच से भी प्रेरित भाजपा प्रवक्ता ने दिल्ली में लगाए जाने वाले पटाखों के प्रतिबंध पर भी टिप्पणी की। कहा कि अभी दीपावली के पटाखे नहीं फूटे हैं, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण अभी से बढ़ा हुआ है। राज्य सरकार किसी प्रकार का उत्तरदायित्व नहीं ले रही।उन्होंने कहा कि पटाखे छोड़ने को लेकर कोर्ट और सरकार के आदेश का पालन तो सब करेंगे, लेकिन जिस प्रवृत्ति के चलते सारा का सारा आक्षेप लगाया जाता है, यह दर्शाता है कि प्रदूषण के वास्तविक कारणों पर नियंत्रण करने की बजाए साल में एक बार रात आठ से बारह बजे तक की घटना पर सारा ठीकरा फोड़ने का जो विचार है, वह कहीं न कहीं वैश्विक हिन्दुत्व व सनातन विरोधी विचार से भी प्रेरित है।