Health Tips : क्या गर्मियों में काढ़ा पीना है फायदेमंद? जानिए विशेषज्ञों की राय

पिछले एक साल में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा काढ़ा का इस्तेमाल किया गया है. जबकि काढ़ा बनाने के लिए हर व्यक्ति का अलग नुस्खा होता है. आमतौर पर सर्दियों के मौसम में खांसी- जुखाम ठीक करने के लिए काढ़ा हर मां का पसंदीदा नुस्खा होता था. लेकिन कोरोना की वजह से गर्मियों के मौसम में भी काढ़ा पी रहे हैं. इसमें इस्तेमाल होने वाली  सभी चीजें शरीर के लिए गर्म होती है. ऐसे में एक सवाल आता है कि गर्मियों में काढ़ा पीना सुरक्षित है. आइए जानते हैं इस बारे में.

काढ़ा एक आयुर्वेदिक उपचार है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. इसमें गिलोय, गुड़हल, मुलेठी, लौंग, तुलसी, दालचीनी, अदरक जैसे मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. ये मौसमी संक्रमण और फ्लू से लड़न में मदद करता है. इसके अलावा गठिया, सिरदर्द, अस्थमा, यूरनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन और ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है.

काढ़ा कोरोना काल में कैसे फायदेमंद होता है?

विशेषज्ञों के मुताबिक, काढ़ा इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए सबसे कारगर है और कोरोनावायरस के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. इसमें जड़ी बूटियां और मसाले होते है जो एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर है. कई रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस मुश्किल समय में कोरोनावायरस से बचने के लिए हेल्दी ऑप्शन है. लेकिन अगर इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.

क्या गर्मियों में पीना सुरक्षित है?

काढ़ा में इस्तेमाल किए जाने वाली सभी चीजों का तासीर गर्म होता है. ऐसे में मन में सवाला आता है कि काढ़ा पीना सुरक्षित है. खांसी- जुखाम को ठीक करने के लिए काढ़ा एक हेल्दी ड्रिंक है. अगर कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा काढ़ा पीता है तो एसिडिटी, नाक से खून आना, हृदय में जलन आदि की समस्या हो सकती है. काढ़ा बनाने के लिए इस्तेमाल करने वाली गर्म चीजे नुकसानदायक हो सकती हैं.

इस तरह पिएं काढ़ा

दोपहर के समय में 4 या 5 बजे के करीब काढ़ा पीना फायदेमंद होता है.

खाली पेट काढ़ा नहीं पीना चाहिए. इसमें मौजूद चीजों की वजह से एसिडिटी हो सकती है. आप इसे ब्रेकफास्ट के बाद पी सकते हैं.

एक बार में 150 मिलीलीटर से ज्यादा काढ़ा न पिएं, जरूरत से ज्यादा काढ़ा पीना से एसिडिटी की समस्या हो सकती है.

कालीमिर्च और अदरक का इस्तेमाल कम मात्रा में करें.

आप काढ़ा में शहद मिलाएं इससे एसिडिटी और हृदय में जलन की समस्या नहीं होगी.

अगर आप डायबिटीज के मरीज है तो काढ़े में शहद और मुलेठी का इस्तेमाल न करें.

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