कैंसर का पता अब तीन साल पहले संभव, नई तकनीक से इलाज की उम्मीद

कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा रोग है, जिसकी समय पर पहचान होने पर इलाज संभव है। लेकिन इसकी शुरुआती अवस्था में लक्षण स्पष्ट न होने के कारण अक्सर मरीज को गंभीर स्थिति में पहुंचने तक बीमारी का पता नहीं चलता। अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी उन्नत तकनीक विकसित की है, जो कैंसर के लक्षण प्रकट होने से लगभग तीन वर्ष पहले ही इस बीमारी की पहचान कर सकती है।

यह शोध अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में किया गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि नई तकनीक की मदद से कैंसर का पता रोग के लक्षणों के उभरने से 36 महीने पहले लगाया जा सकता है, जिससे समय रहते उपचार शुरू किया जा सकेगा और मरीज की जान बचाने की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। हालांकि यह शोध अभी शुरुआती चरण में है, फिर भी इससे कैंसर की रोकथाम में नई आशा जगी है।

कैंसर डिस्कवरी में प्रकाशित हुआ अध्ययन
यह अध्ययन प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल Cancer Discovery में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने रक्त में मौजूद जीन में होने वाले परिवर्तनों को पहचानने की एक विशेष विधि विकसित की है, जो भविष्य में कैंसर होने की संभावना का संकेत दे सकती है। इस तकनीक को Multi-Cancer Early Detection (MCED) टेस्ट नाम दिया गया है।

क्या है MCED टेस्ट?
MCED एक परीक्षणात्मक रक्त जांच है, जिसके जरिए खून में मौजूद डीएनए, आरएनए और प्रोटीन के स्तर का विश्लेषण कर यह पता लगाया जाता है कि शरीर में किसी प्रकार के कैंसर के संकेत मौजूद हैं या नहीं। इसकी खासियत यह है कि यह एक साथ कई प्रकार के कैंसर की पहचान कर सकता है, जो पारंपरिक जांच से संभव नहीं होता।

शुरुआती परीक्षण में मिले चौंकाने वाले नतीजे
शोध में 52 लोगों के रक्त नमूनों का परीक्षण किया गया। इनमें से 26 व्यक्तियों को छह माह के भीतर कैंसर की पुष्टि हुई, जबकि अन्य 26 स्वस्थ पाए गए। परीक्षण में 8 मामलों में कैंसर की उपस्थिति पाई गई, जिनमें से 4 मरीजों के पुराने रक्त सैंपल (करीब 3.1 से 3.5 साल पुराने) में कैंसर से संबंधित आनुवंशिक परिवर्तन पहले से ही मौजूद थे।

ट्रायल अभी जारी, भविष्य में बड़ी सफलता की उम्मीद
शोध से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिकों का कहना है कि ये निष्कर्ष उनके लिए भी चौंकाने वाले थे। यदि कैंसर की पहचान तीन साल पहले हो सके तो उपचार की सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। फिलहाल क्लिनिकल ट्रायल जारी हैं और वैज्ञानिक इस तकनीक को और अधिक सटीक और व्यावहारिक बनाने पर कार्य कर रहे हैं।

हालांकि यह तकनीक अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुई है, लेकिन शुरुआती परिणामों ने यह सिद्ध कर दिया है कि MCED टेस्ट कैंसर की समय से पहले पहचान में कारगर साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि यह बड़े पैमाने पर सफल रहा तो यह कैंसर की रोकथाम में एक क्रांतिकारी कदम होगा।

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