अभिनेता नवाजुद्दीन के मुकदमे में एफआर पर सुनवाई टली

फिल्म अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के मुकदमे में विवेचना के बाद कोर्ट में लगाई गई क्लोजर रिपोर्ट के मामले में विशेष पॉक्सो एक्ट कोर्ट में अब 19 जुलाई को सुनवाई होगी। नवाजुद्दीन सहित परिवार के सदस्यों के खिलाफ पत्नी आलिया सिद्दीकी ने 2020 में पॉक्सो एक्ट सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। हांलाकि पुलिस ने विवेचना पूरी कर एक माह पूर्व कोर्ट में एफआर दाखिल कर दी थी। जिस पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने आलिया सिद्दीकी को नोटिस जारी करते हुए 24 जून की तिथि निर्धारित की थी। आलिया सिद्दीकी के कोर्ट में पेश न होने के कारण अब सुनवाई की तिथि 19 जुलाई लगा दी गई है।

नवाजुद्दीन सहित 5 के खिलाफ था मामला
27 जुलाई 2020 को नवाजुद्दीन की पत्नी आलिया सिद्दीकी ने मुंबई के वर्सोवा थाने में पति नवाजुद्दीन सहित देवर मिनाजुद्दीन, फैयाजुद्दीन और अयाजुद्दीन, सास मेहरुनिशा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में जीरो FIR (मतलब अपने क्षेत्र के थाने में केस दर्ज न करवा कर दूसरे शहर के थाने में ) दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि 2012 में जब वह बुढ़ाना स्थित अपनी ससुराल आई थी, तो उसके देवर मिनाजुद्दीन ने उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी। आरोप था कि विरोध करने पर देवर फैजुद्दीन, अयाजुद्दीन और उसकी सास मेहरुन्निसा ने मारपीट और गाली-गलौज कर उसे रोका था। पति नवाजुद्दीन ने उसे किसी भी प्रकार की शिकायत पुलिस में करने से मना किया था। मुंबई के वर्सोवा थाने में दर्ज यह FIR अगस्त 2020 को बुढ़ाना थाना शिफ्ट हो गई थी। हालांकि, इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी की गिरफ्तारी के खिलाफ स्टे जारी कर दिया था।

आलिया ने आरोपों का किया था समर्थन
बुढ़ाना थाना में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी थी। 16 अक्टूबर 2020 को मुकदमे के तत्कालीन विवेचक वीर नारायण सिंह के साथ पहुंची आलिया सिद्दीकी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट ज्योति अग्रवाल के सामने गोपनीय बयान दर्ज कराए थे। अपने बयान में आलिया ने लगाए गए आरोपों का समर्थन किया था। उसके बाद वह विशेष पॉक्सो एक्ट कोर्ट अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार तिवारी के सामने पेश हुई थी।

नवाजुद्दीन सहित सभी आरोपियों को क्लीन चिट
बुढ़ाना थाना पुलिस ने जांच करते हुए नवाजुद्दीन सिद्दीकी सहित सभी आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए 17 मई को मुकदमे में FR लगा दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया था कि वह शिकायतकर्ता को भी कोर्ट में हाजिर करे। लेकिन 26 मई को शिकायतकर्ता के कोर्ट में हाजिर न होने पर सुनवाई की अगली तिथि 24 जून निर्धारित कर दी गई थी।

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