शिव मंदिर के दावे की याचिका पर हुई सुनवाई, दरगाह कमेटी ने जवाब के लिए समय मांगा

अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावे वाली याचिका पर आज कोर्ट में सुनवाई हुई। दरगाह कमेटी ने यह कहते हुए कि यह सुनवाई योग्य नहीं है, याचिका को खारिज करने की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले विष्णु गुप्ता से जवाब मांगा और उनके द्वारा पेश किए गए जवाब पर दरगाह कमेटी ने और समय मांगा। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए तारीख तय कर दी।

यह मामला हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा अजमेर दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने के दावे को लेकर दायर किया गया था। गुप्ता ने अदालत में यह कहा कि उनके पास इस दावे को साबित करने के लिए कई सबूत हैं और इस मामले में वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता, क्योंकि यह एक्ट केवल मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर और गुरुद्वारों पर लागू होता है, जबकि दरगाह और कब्रिस्तान इसके दायरे में नहीं आते हैं।

दूसरी ओर अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने इस दावे को नकारते हुए कहा कि यह सिर्फ एक ट्रेंड बन चुका है, जिसमें हर जगह मंदिर खोजे जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दरगाह में तीन मस्जिदें हैं और ऐसे दावों का कोई आधार नहीं है। अजमेर दरगाह के वर्शिप एक्ट में आने को लेकर अंजुमन सैयद जादगान के एडवोकेट आशीष कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला पेंडिंग है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

मामले में आगे की सुनवाई के लिए तारीख तय की गई है और अब तक कुल 11 प्रतिवादियों ने याचिका दायर की है, जिन पर अगली सुनवाई के दौरान विचार किया जाएगा।

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