वाराणसी। सिविल जज सीनियर डिवीजन अश्वनी कुमार की अदालत में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से प्रकट शिवलिंग के राग भोग से संबंधित वाद में दोनों पक्ष की दलीले सुनने के लिए अदालत ने सुनवाई की तिथि 13 फ़रवरी नियत कर दी है। इस वाद में वादी संख्या दो राम सजीवन शुक्ला की तरफ से आवेदन देकर कहा गया है कि भगवान प्रकट शिवलिंग का रागभोग से संबंधित वाद इस कोर्ट में दाखिल है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। कोर्ट भी भगवान को नाबालिग ही स्वीकार करती है। उसकी देखरेख करने वाले अन्य होते है। देवता जब नाबालिग है तो उनको एक दिन भी भूखा रखना सनातन धर्म व विधि के अनुकूल नही है। जिसके चलते यह वाद तत्काल एवं त्वरित सुनवाई योग्य है। कोर्ट में हाजिर विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद दूसरे पक्ष के है,जो हम सनातनियों के देवता को नही स्वीकार करते है। जिसके चलते लंबी तारीख लेना चाहते है। और शुरू में ही अदालत के बिना नोटिस के हाज़िर हुए है। ऐसे में सुनवाई के बाद ही अन्य प्रार्थना पत्र सुनवाई किया जाना आवश्यक है। ताकि प्रकट शिवलिंग का यथोचित सनातनी हिन्दू परम्परा के मुताबिक पूजा पाठ राग भोग से भगवान वंचित न हो सके। अदालत से विपक्षी के आपत्ति दाखिल करने तक मौजूदा शिवलिंग का पूजा करने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया गया है, ताकि भगवान को एक दिन भी भूखा न रखा जा सके। अदालत में यह आवेदन बीते वर्ष 5 अगस्त के दिया गया है। वादी पक्ष की दलील है कि पांच माह से अधिक अवधि आपत्ति दाखिल करने हेतु बीत गयी है, फिर भी विपक्षी आवेदन देकर आपत्ति हेतु समय दिए जाने की कोर्ट से मांग की है, जो विधि के खिलाफ है। ऐसे इस आवेदन का निस्तारण किया जाना आवश्यक है।