सत्येंद्र जैन को अयोग्य घोषित करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को विधायक और मंत्री के तौर पर अयोग्य घोषित करने वाली एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।

जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील का पक्ष सुनने के बाद कहा, ”हम उचित निर्णय लेंगे।”

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार में मंत्री और शकूर बस्ती से विधायक सत्येंद्र जैन ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पूछताछ के दौरान बताया था कि उनकी याददाश्त चली गई है। यह जानकारी एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) द्वारा ट्रायल कोर्ट में भी दी गई है।

याचिका में कहा गया कि दिल्ली सरकार स्पष्ट रूप से देश के संविधान का अपमान कर रही है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि अगर किसी व्यक्ति की याददाश्त चली जाती है और ऐसा कोर्ट में घोषित कर दिया जाता है तो उसे विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

याचिकाकर्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से कोर्स से दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की है कि वह सत्येंद्र जैन के कोरोना से संक्रमित होने और फिर याददाश्त खोने के बाद उनके द्वारा लिए गए सभी फैसले रद्द करे।

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