सनवाल पंचायत में 1.20 करोड़ के सेब पौधों की खरीद में धांधली करने वाले पंचायत प्रधान के खिलाफ अब फर्जी बिल बनाकर सरकारी सीमेंट में धांधली करने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। इसमें पूर्व जिला परिषद के भाई के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि इन दोनों ने फर्जी बिल बनाकर 1.40 लाख रुपये के सरकारी सीमेंट को बेचने की साजिश रच डाली।
पुलिस के मुताबिक 31 जनवरी को सिविल सप्लाई के तीसा स्टोर से एक ट्रक सरकारी सीमेंट के 276 बैग लेकर सनवाल के लिए रवाना हुआ। लेकिन ट्रक सनवाल के बजाय चंबा की तरफ ले जाया गया। तीसा से तीन किलोमीटर दूर जाकर एक निजी स्टोर में ट्रक से सरकारी सीमेंट भी उतरना शुरू हो गया। इससे पहले कि सीमेंट गायब किया जाता, पुलिस ने चालक को पकड़ लिया। पुलिस ने जब चालक को बिल दिखाने के लिए कहा तो वह सरकारी बिल नहीं दिखा पाया।
जांच में पुलिस को पता चला कि सिविल सप्लाई के स्टोर में बिना पंचायत की डिमांड आए ही सीमेंट दिया गया है। जबकि, एक फरवरी को सीमेंट जारी होने के बाद पंचायत प्रधान झूठी डिमांड लेकर सिविल सप्लाई के स्टोर में पहुंच गया। नियमानुसार पंचायत का जिसके साथ अनुबंध होता है, वही सीमेंट लेने के लिए जाता है। लेकिन इस मामले में पंचायत प्रधान और पूर्व जिला परिषद के भाई ने नियमों को ताक पर रखकर सरकारी सीमेंट गबन करने की साजिश रची।
पुलिस ने गहनता से सभी पहलुओं पर जांच करने के उपरांत सनवाल पंचायत प्रधान मोहन लाल और केवल कृष्ण के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुट गई है कि आखिरकार फर्जी बिल पर सरकारी सीमेंट कैसे जारी हो गया। इस मामले से जुड़े अन्य लोगों को भी पुलिस बेनकाब कर सकती है। जब पुलिस ने सनवाल पंचायत सचिव को पूछताछ के लिए बुलाया तो पंचायत सचिव ने बयान दिया कि उनकी तरफ से सरकारी सीमेंट को लेकर किसी प्रकार की डिमांड नहीं दी गई है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि सरकारी सीमेंट मामले में पंचायत प्रधान सहित अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आगामी कार्रवाई कर रही है।