शिमला -हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रानौत के मुम्बई में पाली हिल स्थित कार्यालय को महाराष्ट्र की शिव सेना सरकार द्वारा तोड़े जाने की निंदा करते हुये इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है वहीं विपक्षी कांग्रेस का इस मुद्दे पर रवैया ढुलमुल दिखाई दे रहा है।
राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान देहरा के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सदन का ध्यान मुम्बई में कंगना का कार्यालय तोड़े जाने की ओर दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिव सेना का गठन जिन मूल उदेश्यों के लिए हुआ था उन्हें खत्म कर दिया गया है। शिव सेना का कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद वजूद ही खत्म हो गया है। शिव सेना की हालात भी अब कांग्रेस जैसी होने वाली है।
ठाकुर ने कहा कि कंगना मंडी स्थित अपने पैतृक गांव से मुम्बई पहुंच चुकी हैं और उन्हें केंद् ने सुरक्षा मुहैया करा दी है। लेकिन इससे पहले वह मुम्बई पहुंचती वहां उनकी गैर मौजूदगी में उनके कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। इससे पहले श्री होशियार सिंह ने कंगना का कार्यालय गिरने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और विपक्षी कांग्रेस से कहा कि शिव सेना के साथ उसका गठबंधन है इसलिए वह महाराष्ट्र कांग्रेस से उनकी सुरक्षा की बात करे। मुख्यमंत्री ने भी सदन में कहा कि इस घटना की वह निंदा करते है। हिमाचल सरकार कंगना की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
उधर, कांग्रेस नेता राम लाल ठाकुर ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कंगना के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पारित किया है। मामला कानून के तहत चल रहा है इसलिए हिमाचल विधानसभा में इस विषय पर चर्चा की जरूरत नहीं है। बावजूद इसके सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह बोलने के लिए खड़े हो गए। इस पर सदन में गर्माहट बढ़ गई और विपक्ष ने इस पर आपत्ति जाहिर की। श्री इंद्र सिंह ने कंगना की समुचित सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग की। इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने एक तरफ तो कंगना की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की लेकिन साथ ही कहा कि राम लाल ठाकुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है और उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा के अविश्वास प्रस्ताव के सम्मान करने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस का महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ गठबंधन है और वहां इसकी सरकार है।