हिमाचल प्रदेश: शिमला समेत बर्फबारी वाले अन्य जिलों में जनजीवन पटरी पर नहीं लौट पाया

हिमाचल प्रदेश में बारिश-बर्फबारी के बाद भले ही मौसम खुल गया है, लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। प्रदेश के शिमला समेत बर्फबारी वाले अन्य जिलों में जनजीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है। बर्फबारी वाले ग्रामीण भागों में सड़कें, बिजली व पानी की आपूर्ति ठप है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार सुबह तक प्रदेश में चार हाईवे समेत 612 संपर्क मार्ग बंद थे। जबकि 1697 बिजली ट्रांसर्फामर भी ठप पड़े हैं। इसके अलावा 114 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग व बिजली बोर्ड युद्ध स्तर पर बहाली का काम कर रहे हैं।

वहीं, प्रदेश के छह शहरों में न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। शिमला का न्यूनतम तापमान 2.2, सुंदरनगर 1.7, भुंतर  माइनस 0.1, कल्पा माइनस 8.0, धर्मशाला 4.2, ऊना 5.5, नाहन 8.1, केलांग माइनस 15.4, पालमपुर 2.0, सोलन 0.8, मनाली माइनस 3.8, कांगड़ा 4.0, मंडी 4.0, बिलासपुर 6.0, हमीरपुर 5.8, चंबा 2.1, डलहौजी माइनस 1.2, कुफरी माइनस 3.0, जुब्बड़हट्टी 3.5 और पांवटा साहिब में 8.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। 

लाहौल में बर्फबारी।

कुल्लू जिले में चार दिन की बर्फबारी से लोक निर्माण विभाग व एनएच प्राधिकरण को साढ़े चार करोड़ का नुकसान हुआ है। जबकि बिजली बोर्ड को 14 लाख रुपये की चपत लगी है। भारी बर्फबारी से जिलेभर में कई सड़कें व डंगे ढह गए हैं। कुल्लू जिले में मंगलवार को धूप खिलने के बाद बीआओ और लोक निर्माण विभाग बर्फबारी से ठप पड़े मार्गों को बहाल करने के लिए जुट गया है। दोनों ने अपनी मशीनरी व मजदूरों को सड़क बहाली के लिए तैनात किए हैं। कुल्लू व लाहौल-स्पीति जिलों में अब तक बर्फबारी से 200 सड़कें बाधित हुई हैं। 

पुलिस मख्यालय के पास गाड़ी पलटी।

शिमला में भी दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। शिमला शहर के कोर एरिया के तकरीबन सभी वार्डों में पैदल रास्तों और सड़कों पर बर्फ जमने से आवाजाही बाधित है। कई जगह गाड़ियां भी स्किड हुई हैं। शहर की अधिकतर सड़कों पर कोहरा जमने के कारण वाहन स्किड होकर दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। बालूगंज के पास एचआरटीसी की बस स्किड होकर नाली में फंस गई। 

बर्फ में फिसलने से पलटी गाड़ी।

 लक्कड़ बाजार के पास एक वेन बर्फ पर फिसलकर पलट गई। संजौली में भी निजी बस के स्किड होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना है।  वहीं, राजधानी को ऊपरी शिमला से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग-5 चार दिन बाद भी बंद है। सड़क संपर्क बंद होने के कारण अब लोगों की परेशानियां बढ़नी शुरू हो गई हैं। शिमला में फंसे लोग अपने घरों की ओर नहीं जा पा रहे और ऊपरी शिमला से भी जरूरी काम के लिए लोग शिमला नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिले बर्फबारी से ठप पड़े 450 ट्रांसफार्मरों को  ठीक करने का कार्य युद्ध स्तर पर चला है। इसके अलावा 75 बंद सड़कों को आज शाम तक बहाल किया जाएगा।

बर्फ में फंसी पुलिस की जीप।

किन्नौर जिले में भी मौसम खुलने के बाद भी जनजीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है। आउटर सिराज और ऊपरी शिमला में भारी हिमपात के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है। नारकंडा एनएच-5, जलोड़ी-जोत-305 सहित कई ग्रामीणों रूटों पर एचआरटीसी बसों की आवाजाही ठप है।

बर्फबारी से बढ़ीं दुश्वारियां।

चंबा जिले में पिता का अंतिम संस्कार कर लौट रहे बेटे की बर्फ पर पैर फिसलने से खाई में गिरने से मौत हो गई। ग्रामीणों ने खाई से बाहर निकाल मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित किया। मृतक की पहचान वासु राम पुत्र जोतु निवासी गांव रुंठा डाकघर साहू के रूप में हुई है। मृतक मेडिकल कॉलेज चंबा में निजी सुरक्षा कर्मी के पद पर तैनात था। एएसपी विनोद कुमार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज चंबा में पोस्टमार्टम बाद मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया है। जिले में 51 मार्ग अभी भी बाधित है। 36 गांवों में ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं। जिले का जनजातीय क्षेत्र पांगी शेष विश्व से कटा हुआ है।

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