पवित्र हत्याकांड: अदालत ने महिला समेत तीन दोषियों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा

मुजफ्फरनगर के खतौली में 11 साल पहले प्रेम-प्रसंग के चलते युवक की हत्या के मामले में अदालत ने महिला समेत तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायालय नंबर-एक के पीठासीन अधिकारी जय सिंह पुंडीर ने फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष ने आठ गवाह पेश किए।

वादी के अधिवक्ता अग्रिश राणा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आशीष त्यागी ने बताया कि खतौली थाना क्षेत्र के जमुना विहार निवासी पवित्र कुमार 26 फरवरी 2012 को अपने प्लाट पर सोने के लिए गया था, लेकिन इसके बाद घर नहीं लौटा। पीड़ित परिवार ने 27 फरवरी को अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। नौ मार्च 2012 को पवित्र का शव गंग नहर से बरामद हुआ था।

मृतक के पिता धर्मवीर ने यमुना विहार निवासी महिला विमला, उसके पुत्र भोलू, राजवीर और उसका मौसी के लड़के मेरठ के थाना दौराला के गांव चिरौड़ी निवासी धर्मेद्र कुमार के खिलाफ पवित्र की हत्या कर शव को गंग नहर में डालने का मुकदमा दर्ज कराया था। हत्या का कारण मृतक का आरोपी पक्ष की युवती के साथ प्रेम-प्रसंग होना बताया था। विवेचना में पुलिस ने आरोपी महिला का नाम निकाल दिया था। लेकिन अभियोजन पक्ष ने सीआरपीसी की धारा 319 के तहत महिला को अदालत में तलब कराया था। मुकदमे के ट्रायल के दौरान आरोपी भोलू की मृत्यु हो गई थी। 

अभियोजन पक्ष ने आठ गवाह पेश किए। अदालत ने वारदात की दोषी विमला, राजबीर और धर्मेंद्र कुमार को धारा 302 में आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड नहीं देने पर पांच-पांच साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियुक्त राजबीर और धर्मेंद्र को अपहरण की धारा में 10-10 साल का कारावास और 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

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