नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने आईआईटी दिल्ली और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) दिल्ली के विशेषज्ञों और नवाचार क्षेत्र के अग्रणियों के साथ एक विचार-संवाद में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में अब सड़कों और बुनियादी ढांचे का विकास नवाचार, सुरक्षा और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाबद्ध ढंग से किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान सड़क निर्माण में नवाचार आधारित तकनीकों, सुरक्षित डिजाइन, स्मार्ट नियोजन और कम लागत में उच्च प्रभाव डालने वाले मॉडलों की प्रस्तुति दी गई। मंत्री ने इन नवाचारों को भारत की आधारभूत संरचना की दिशा बदलने में सक्षम बताया।
विकसित भारत की राह में इन्फ्रास्ट्रक्चर की अहम भूमिका
अजय टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के तहत आधारभूत ढांचा देश को विकसित राष्ट्र की ओर ले जाने का मजबूत स्तंभ बनेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंत्रालय केवल सड़कें नहीं बना रहा, बल्कि ऐसे कॉरिडोर तैयार किए जा रहे हैं, जो औद्योगिक विकास, नगरीय विस्तार, डिजिटल संपर्क और नागरिक कल्याण को नई गति देंगे।
‘भारत के लिए भारत के मॉडल जरूरी’
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अपनी विशिष्ट भौगोलिक, सामाजिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार समाधान विकसित करने की जरूरत है। पश्चिमी देशों के ढांचागत मॉडलों की नकल से बचते हुए, देश के लिए उपयुक्त और अनुकूलित डिजाइनों को अपनाना आवश्यक है, जिनमें सुरक्षा जोन, गतिशीलता केंद्र और मिक्स्ड-यूज कॉरिडोर जैसी अवधारणाएं शामिल हों।
स्थानीय समस्याओं का हल देंगे स्वदेशी नवाचार
मंत्री ने आईआईटी और एसपीए के फैकल्टी तथा नवोन्मेषकों से संवाद करते हुए कहा कि इनके द्वारा विकसित समाधान न केवल सड़क सुरक्षा में सुधार लाएंगे, बल्कि भूमि अधिग्रहण, शहरी यातायात, अंतिम छोर तक संपर्क और लागत से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों का समाधान भी देंगे।
PiFi स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की सराहना
कार्यक्रम में एक खास तकनीकी अवधारणा ‘PiFi’ (प्राइवेट इंटरनेट फिडेलिटी) आधारित स्मार्ट परिवहन प्रणाली पर भी चर्चा हुई। यह तकनीक बिना ऐप या यूआरएल के तेज, सुलभ और किफायती सार्वजनिक परिवहन की सुविधा प्रदान कर सकती है, जो विशेष रूप से भारत जैसे विविध देश के लिए उपयुक्त है।
कार्यक्रम के समापन पर अजय टम्टा ने आईआईटी दिल्ली और एसपीए दिल्ली द्वारा इस पहल का नेतृत्व करने पर सराहना व्यक्त की और अन्य शिक्षण एवं औद्योगिक संस्थानों से इस ‘स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर’ अभियान में भाग लेने का आग्रह किया।