भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान तुर्किये के पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद दिल्ली के फल बाजारों में तुर्किये सेब के बहिष्कार का असर दिखने लगा है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं ने तुर्किये सेब की खरीदारी बंद कर दी है, जिससे बाजार में इसकी आपूर्ति लगभग समाप्त हो गई है। इसके विपरीत, कश्मीरी अम्बरी सेब की मांग में तेजी देखी जा रही है, क्योंकि उपभोक्ता स्वदेशी फलों की ओर रुख कर रहे हैं।
दिल्ली की मंडियों में तुर्किये सेब का व्यापार बंद
आजादपुर, ओखला और दिल्ली की अन्य प्रमुख मंडियों में तुर्किये सेब का व्यापार होता था, लेकिन अब व्यापारियों ने इसका आयात पूरी तरह से रोक दिया है। इससे तुर्किये सेब की बिक्री में भारी गिरावट आई है, जिसका सीधा लाभ कश्मीरी व्यापारियों को मिल रहा है। व्यापारियों के अनुसार, कश्मीरी सेब की मांग में लगभग 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
सेब की कीमतों में उछाल
तुर्किये सेब की अनुपलब्धता और कश्मीरी सेब की बढ़ती मांग के चलते बाजार में कीमतें भी बढ़ गई हैं। थोक बाजार में 10 किलो सेब के कार्टन की कीमत में 200 से 300 रुपये का इजाफा हुआ है। वहीं, खुदरा बाजार में सेब की कीमतें 20-30 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई हैं। स्थानीय निवासी प्रिया शर्मा का कहना है कि कश्मीरी सेब एक बेहतर विकल्प है।
स्वदेशी फलों को मिल रही प्राथमिकता
आजादपुर मंडी के व्यापारी पवन छाबड़ा ने बताया कि ग्राहक अब कश्मीरी सेब, विशेषकर अम्बरी किस्म की मांग कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के बागवानों से सीधे संपर्क कर आपूर्ति को बढ़ाया जा रहा है। छाबड़ा ने स्पष्ट किया कि वह उन देशों से सेब नहीं खरीदेंगे जो देश विरोधी रुख अपनाते हैं।
कश्मीरी सेब की कीमत
सेब के बहिष्कार के बाद बाजार में स्वदेशी फलों को प्राथमिकता दी जा रही है। कश्मीरी सेब का 20 किलो का एक कार्टन अब लगभग 3600 रुपये में बिक रहा है।