मंडी में बादल फटने से तबाही: मृतकों की संख्या 15 पहुंची, 58 अब भी लापता

मंडी। जिले में 30 जून की रात हुई भारी वर्षा और सात स्थानों पर बादल फटने की घटनाओं से फैली तबाही के बीच राहत और खोज अभियान लगातार जारी है। बुधवार को पांच और शव बरामद किए गए, जिससे इस प्राकृतिक आपदा में मृतकों की कुल संख्या 15 हो गई है। वहीं अब भी 58 लोग लापता हैं, जिनमें सबसे अधिक प्रभावित सराज उपमंडल से 46 लोगों की तलाश की जा रही है।

सराज क्षेत्र के थुनाग से 16, पखरैर से 18, जरोल से सात, चिउणी से चार और पांडवशीला से एक व्यक्ति के लापता होने की जानकारी है। लापता व्यक्तियों में एक प्रयोगशाला सहायक और कुछ छात्राएं भी शामिल हैं।

सर्च ऑपरेशन जारी, ब्यास नदी किनारे मिला बच्ची का शव

बचाव दलों ने थुनाग, पांडवशीला और जरोल इलाकों से चार शव बरामद किए हैं। इसके अतिरिक्त, गोहर क्षेत्र के स्यांज गांव की लापता नौ वर्षीय कनिका का शव ब्यास नदी किनारे कांढापतन में मिला। इससे पहले, उसी स्थान से उसकी दादी देवकू देवी का शव भी बरामद हो चुका है। दोनों का अंतिम संस्कार गांव में कर दिया गया है, जबकि परिवार के अन्य सदस्य अब भी लापता हैं।

भारी नुकसान: घर, पुल, मवेशी और संचार व्यवस्था प्रभावित

प्राकृतिक आपदा ने जिले भर में व्यापक नुकसान पहुंचाया है। 148 मकान और 104 गौशालाएं पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। 162 पशुओं की मौत हो चुकी है और 14 पुल बह गए हैं, जिससे कई गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है। अकेले थुनाग में छह पुल, 40 मकान और 30 वाहन बहने की पुष्टि हुई है।

राहत एवं बचाव कार्यों में जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें लगातार जुटी हुई हैं, लेकिन मलबे का अंबार और टूटी हुई सड़कें बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। आपदा के तीन दिन बीत जाने के बावजूद जिले की 152 सड़कों पर अब भी आवाजाही ठप है।

बिजली-पानी की किल्लत, संचार सेवा धीरे-धीरे बहाल

जिले में 489 ट्रांसफार्मर और 465 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे बिजली और पानी की भारी कमी हो गई है। थुनाग क्षेत्र में संचार सेवाएं पूरी तरह बाधित हो गई थीं, हालांकि अब ‘डाट इंडिया’ की सहायता से सीमित इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है।

प्रशासन ने लोगों से संयम बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति की जानकारी संबंधित अधिकारियों को देने की अपील की है।

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