उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनिका ने जानकारी दी है कि केदारनाथ धाम के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं 17 जून से पुनः प्रारंभ की जाएंगी। यह निर्णय 15 जून को हुई दुर्घटना के बाद लिया गया सुरक्षा मूल्यांकन पूरा होने के बाद लिया गया है।
हादसे में सात लोगों की गई थी जान
गौरतलब है कि 15 जून की सुबह लगभग 5 बजे एक हेलिकॉप्टर, जो तीर्थयात्रियों को केदारनाथ से गुप्तकाशी वापस ला रहा था, गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में पायलट सहित सात लोगों की मृत्यु हो गई थी। मृतकों में महाराष्ट्र के एक दंपति और उनका 23 माह का बच्चा भी शामिल था। दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर आर्यन हेलीकॉप्टर एविशन कंपनी का था। हादसे का संभावित कारण तकनीकी खामी और खराब मौसम बताया गया।
सेवा स्थगन और कार्रवाई
घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 15 और 16 जून को क्षेत्र में सभी चार्टर और शटल हेलिकॉप्टर सेवाओं को स्थगित कर दिया था। साथ ही, दुर्घटना में शामिल कंपनी आर्यन एविएशन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उसके अकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक और प्रबंधन से जुड़े विकास तोमर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 105 और एयरक्राफ्ट अधिनियम की धारा 10 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
केदारनाथ का धार्मिक महत्व
केदारनाथ धाम हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चार धाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) का हिस्सा है। यह स्थल समुद्र तल से लगभग 3,583 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय की गोद में स्थित है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत के बाद पांडवों ने अपने पापों के प्रायश्चित हेतु भगवान शिव की तपस्या यहीं की थी। कहा जाता है कि भगवान शिव ने उन्हें बैल रूप में दर्शन दिए थे। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु कठिन पर्वतीय मार्गों से यात्रा कर केदारनाथ पहुंचते हैं, जहां वे भगवान शिव के दर्शन कर आत्मिक शांति और मोक्ष की कामना करते हैं।