जाग्रेब। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रे प्लेंकोविच की मौजूदगी में बुधवार को दोनों देशों के बीच विभिन्न अहम क्षेत्रों में सहयोग को लेकर कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा है, जिसे दोनों देशों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है।
गर्मजोशी से हुआ स्वागत, साझा मूल्यों पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोएशिया सरकार और प्रधानमंत्री प्लेंकोविच का आतिथ्य के लिए आभार जताते हुए कहा कि भारत और क्रोएशिया लोकतंत्र, विधिशासन और बहुलवाद जैसे साझा सिद्धांतों में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देगा।
आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में बढ़ेगा सहयोग
पीएम मोदी ने सागरमाला परियोजना के अंतर्गत बंदरगाह विकास और मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में क्रोएशियाई कंपनियों के लिए निवेश के अवसरों का उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने भारत की अंतरिक्ष क्षमताएं साझा करने और दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों के बीच शोध सहयोग को प्रोत्साहित करने की बात कही।
आतंकवाद पर साझा रुख, शांति और संवाद को बताया समाधान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर खतरा है और लोकतांत्रिक मूल्यों का विरोधी है। उन्होंने 22 अप्रैल को भारत में हुए आतंकी हमले पर संवेदना प्रकट करने के लिए क्रोएशियाई सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने ज़ोर दिया कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियों का समाधान युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति के जरिए ही संभव है। क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान सभी के लिए आवश्यक है।
क्रोएशिया ने दी भारत के रुख को मजबूती
प्रधानमंत्री प्लेंकोविच ने वैश्विक सुरक्षा पर चिंता जताते हुए भारत में हुए हालिया आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद वैश्विक स्थिरता के लिए सबसे गंभीर खतरा है और भारत के रुख को क्रोएशिया का पूरा समर्थन प्राप्त है।
रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में भी सहयोग
दोनों नेताओं ने रक्षा, परमाणु ऊर्जा, जहाज निर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए सहमति जताई। प्रधानमंत्री प्लेंकोविच ने यह भी कहा कि क्रोएशिया भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते का पूर्ण समर्थन करता है और इसे शीघ्र पूरा होते देखने की आशा जताई।
इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर सराहना
प्रधानमंत्री प्लेंकोविच ने ‘इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ को एक दूरदर्शी पहल बताते हुए कहा कि यह क्रोएशिया को मध्य यूरोप से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण गेटवे बना सकता है और भारत की विशाल अर्थव्यवस्था से व्यापारिक संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा।
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