भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव के लगभग तीन सप्ताह बाद विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। ब्रुसेल्स यात्रा के दौरान एक साक्षात्कार में उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि पाकिस्तान से प्रायोजित कोई आतंकी हमला दोबारा होता है, तो भारत निर्णायक और ठोस जवाब देने से नहीं झिझकेगा।
डॉ. जयशंकर ने कहा, “अगर आतंकवादी अड्डे पाकिस्तान की जमीन पर सक्रिय हैं, तो भारत को आवश्यकता पड़ी तो वहां तक जाकर कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं होगा।” उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत सरकार का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी समाप्त नहीं हुआ है और भविष्य में किसी भी आतंकी हरकत के खिलाफ कड़ी सैन्य प्रतिक्रिया दी जाएगी।
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद वहां की राष्ट्रीय नीति का एक हिस्सा बन चुका है और यही सबसे बड़ी समस्या है।
पहलगाम में आतंकवादी हमला बना संघर्ष की वजह
अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी, जिनकी पहचान उनके धर्म के आधार पर की गई थी। भारत ने इस हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठन को ठहराया। इसके बाद मई में भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तान की ओर से भी भारत पर हमला करने की कोशिश हुई, लेकिन भारत ने 10 मई को पलटवार करते हुए कई पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया।
इसके बाद पाकिस्तान ने युद्ध विराम की अपील की, जिसे भारत ने शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए स्वीकार कर लिया।
लड़ाकू विमान गिराने के दावे पर विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान द्वारा भारतीय लड़ाकू विमान को गिराने के दावे पर जब विदेश मंत्री से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि इस पर वे फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन उचित समय पर अधिकृत एजेंसियों द्वारा इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की सैन्य कार्रवाई बेहद सटीक थी और पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के ध्वस्त एयरबेस की तस्वीरें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।
जयशंकर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों को शरण और प्रशिक्षण देता रहा है और बड़ी संख्या में आतंकवादी भारत की दक्षिणी सीमा पर सक्रिय हैं। उन्होंने दो टूक कहा, “अब हम आतंकवाद के साथ जीने को तैयार नहीं हैं। अगर अप्रैल जैसी घटनाएं दोहराई गईं, तो हमारी प्रतिक्रिया और भी कड़ी होगी। यह कार्रवाई सीधे आतंकी गुटों और उनके नेताओं के खिलाफ की जाएगी।”